लखनऊ: राजधानी के अलीगंज इलाके में बीते शनिवार को पर्स छीनने की वारदात में 11 माह का मासूम गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद पुलिसिंग पर सवाल उठे हैं. ऐसे में पुलिस कमिश्नरेट एक्टिव हो गई है. अब लखनऊ पुलिस जनता से घर-घर जाकर पूछेगी कि हम आपके लिए क्या करें जिससे आप खुद को सुरक्षित महसूस करें. यही नहीं अपराधियों पर दहशत घर कराने के लिए रोजाना तीन घंटे डायल 112 के वाहन गली मोहल्लों में घूमते नजर आएंगे.
राजधानी में बीते कुछ वर्षों में स्ट्रीट क्राइम लगातार बढ़ा है, जिसे रोकने में लखनऊ पुलिस नाकाम साबित हुई है. आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ लखनऊ में 150 से अधिक महिलाओं की चेन लूट कर बदमाश फरार होते हैं. जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की भारीभरकम फौज, आधुनिक तकनीकी और बदमाशों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान धराशाई होते दिखते हैं, जिससे आम जनमानस में खौफ पैदा हो रहा है. खासकर उन महिलाओं में जो रोजाना ऑफिस या फिर शॉपिंग पर जाने के लिए बाहर निकलती हैं. ऐसे में अब अलीगंज की घटना से सीख लेते हुए राजधानी की पुलिस कमिश्नरेट आम लोगों के बीच जाकर उनसे उनकी सुरक्षा के इंतजामों को करने के लिए सलाह लेगी.
चौकी चौपाल लगाकर जनता से पुलिस मांगेगी सलाह
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक, जल्द ही राजधानी के सभी 51 थानों के अंतर्गत आने वाली चौकियों में चौपाल लगाई जाएगी. इन चौपालों में उस चौकी के अंतर्गत रहने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों से बात करेगी. टुकड़ी बनाकर आम जनता के लोगों को बैठाकर पुलिसकर्मी उनसे बात करेंगे. उनसे उनके क्षेत्र में किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वो जहां-जहां जाते हैं, उस मार्ग पर उन्हें क्या दिक्कत आती है इसके बारे में एसीपी, पुलिस इंस्पेक्टर या चौकी प्रभारी पूछकर नोट करेगा. इसके अलावा पुलिसकर्मी लोगों से उनकी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्या कर सकते हैं, ऐसा कौन सा अभियान चलाया जाए, जिससे उन्हें सुरक्षित माहौल दिलाया जा सकता है इस पर भी राय ली जाएगी.
सीसीटीवी को दिए जाएंगे यूनिक नंबर