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ब्रेन डेड के अंगदान करने पर इलाज का खर्च माफ करेगा PGI, एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में व्यवस्था लागू

मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है. पीजीआई में अब ब्रेन डेड (Lucknow PGI) घोषित मरीज के अंग किसी दूसरे मरीज को सफल प्रत्यारोपण होने पर इलाज का खर्च माफ होगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 7:56 AM IST

लखनऊ : पीजीआई ब्रेन डेड घोषित मरीज के अंग किसी दूसरे मरीज को सफल प्रत्यारोपण होने पर इलाज का खर्च (Lucknow PGI will waive treatment expenses) माफ कर देगा. संस्थान ने यह व्यवस्था एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में लागू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर बलरामपुर अस्पताल में लगे बड़े ऑक्सीजन प्लांट में मंगलवार देर शाम तकनीकी खराबी आ जाने से वार्डों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो गई. अस्पताल प्रशासन द्वारा आनन-फानन में जंबो सिलेंडर की मदद से आपूर्ति शुरू की गई.

पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि 'कैडेवरिक अंगदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पहल की है, ताकि जरूरतमंद मरीजों को अंग प्रत्यारोपण कर नया जीवन दिया जा सके. इससे गुर्दा, लीवर आदि दूसरे अंगों के प्रत्यारोपण की रफ्तार बढ़ेगी.' निदेशक डॉ. धीमन ने बताया कि 'एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती सड़क व अन्य किसी हादसे में घायल मरीज का दिमाग काम करना बंद कर देता है, लेकिन उसका लीवर, गुर्दा, हार्ट समेत दूसरे अंग दुरुस्त हैं. डॉक्टर के मरीज को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद उसके परिजन अंगदान की हामी भर लेते हैं. जरूरतमंद मरीज को सफल अंग प्रत्यारोपण होने पर संस्थान प्रशासन उस मरीज के इलाज में लगने वाला सारा खर्च घरवालों को वापस कर देगा.' पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख व स्टेट आर्गन एंड टीशू ट्रांसप्लांटेशन आर्गेनाइजेशन (सोटो) के संयुक्त निदेशक डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि 'मरीज के इलाज का सारा खर्च माफ करने के प्रस्ताव को 14 अगस्त को शासन में बैठक में मुख्य सचिव ने मंजूरी दी थी. इसे अब लागू कर दिया गया है. ट्रामा सेंटर के बजट में इसका प्रावधान किया गया है. इसी से परिजनों को ब्रेन डेड मरीज के इलाज में लगे रुपये लोटाए जाएंगे.'

बलरामपुर अस्पताल




ऑक्सीजन प्लांट में आई खराबी :बलरामपुर अस्पताल में लगे बड़े ऑक्सीजन प्लांट में मंगलवार देर शाम तकनीकी खराबी आ जाने से वार्डों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो गई. अस्पताल प्रशासन द्वारा आनन-फानन में जंबो सिलेंडर की मदद से आपूर्ति शुरू की गई, हालांकि इस दौरान थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई थी. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 'प्लांट में आटोमेटिक चेंजर की व्यवस्था है. प्लांट बंद होते ही ऑक्सीजन की आपूर्ति जंबो सिलेंडर से शुरू हो जाती है. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु ने बताया 'बड़े प्लांट में तकनीकी खराबी आई थी. 150 जंबो सिलेंडर की मदद से अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है. वहीं एक छोटा प्लांट अभी भी संचालित हैं. प्लांट मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं.

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