लखनऊ : पीजीआई ब्रेन डेड घोषित मरीज के अंग किसी दूसरे मरीज को सफल प्रत्यारोपण होने पर इलाज का खर्च (Lucknow PGI will waive treatment expenses) माफ कर देगा. संस्थान ने यह व्यवस्था एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में लागू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर बलरामपुर अस्पताल में लगे बड़े ऑक्सीजन प्लांट में मंगलवार देर शाम तकनीकी खराबी आ जाने से वार्डों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो गई. अस्पताल प्रशासन द्वारा आनन-फानन में जंबो सिलेंडर की मदद से आपूर्ति शुरू की गई.
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि 'कैडेवरिक अंगदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पहल की है, ताकि जरूरतमंद मरीजों को अंग प्रत्यारोपण कर नया जीवन दिया जा सके. इससे गुर्दा, लीवर आदि दूसरे अंगों के प्रत्यारोपण की रफ्तार बढ़ेगी.' निदेशक डॉ. धीमन ने बताया कि 'एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती सड़क व अन्य किसी हादसे में घायल मरीज का दिमाग काम करना बंद कर देता है, लेकिन उसका लीवर, गुर्दा, हार्ट समेत दूसरे अंग दुरुस्त हैं. डॉक्टर के मरीज को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद उसके परिजन अंगदान की हामी भर लेते हैं. जरूरतमंद मरीज को सफल अंग प्रत्यारोपण होने पर संस्थान प्रशासन उस मरीज के इलाज में लगने वाला सारा खर्च घरवालों को वापस कर देगा.' पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख व स्टेट आर्गन एंड टीशू ट्रांसप्लांटेशन आर्गेनाइजेशन (सोटो) के संयुक्त निदेशक डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि 'मरीज के इलाज का सारा खर्च माफ करने के प्रस्ताव को 14 अगस्त को शासन में बैठक में मुख्य सचिव ने मंजूरी दी थी. इसे अब लागू कर दिया गया है. ट्रामा सेंटर के बजट में इसका प्रावधान किया गया है. इसी से परिजनों को ब्रेन डेड मरीज के इलाज में लगे रुपये लोटाए जाएंगे.'