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High Court Lucknow ने पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी मामले में सरकार को दी राहत, दिया यह आदेश - एमपी एमएलए कोर्ट का आदेश

पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी मामले में सरकार को राहत देते हुए सम्पत्ति मुक्त करने का जिला अदालत का आदेश हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि विशेष न्यायाधीश, गैंगस्टर एक्ट, बलरामपुर ने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर सम्पत्ति को मुक्त करने का आदेश पारित किया है.

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Published : Feb 22, 2023, 8:56 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए, गैंगस्टर मामले में सपा के पूर्व विधायक आरिफ़ अनवर हाशमी व उनके परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति को मुक्त करने के जिला अदालत के आदेश को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि चूंकि यह मामले एक पूर्व विधायक से जुड़ा हुआ था. लिहाजा इसकी सुनवाई का क्षेत्राधिकार एमपी-एमएलए के लिए गठित विशेष अदालत का था. न्यायालय ने कहा कि विशेष न्यायाधीश, गैंगस्टर एक्ट, बलरामपुर ने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर सम्पत्ति को मुक्त करने का आदेश पारित किया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल अपील पर पारित किया. सरकार की ओर से दाखिल उक्त अपील में विशेष न्यायाधीश, गैंगस्टर एक्ट, बलरामपुर के 23 दिसम्बर 2022 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसमें पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी, रोजी सलमा हाशमी, मारूफ अनवर हाशमी, फरीद अनवर हाशमी व आबिद अनवर हाशमी व सबीह फातिमा की संपत्तियों को मुक्त करने का आदेश दिया गया था.

दरअसल गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए सपा के पूर्व विधायक व उनके परिजनों की सम्पत्ति को जिलाधिकारी, बलरामपुर के आदेश पर कुर्क कर लिया गया था. जिलाधिकारी द्वारा पारित उक्त कुर्की आदेश को गैंगस्टर कोर्ट ने खारिज कर दिया था. हालांकि हाईकोर्ट ने पाया कि अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत वर्तमान मामला एक पूर्व विधायक से जुड़ा होने के कारण, स्थानीय एमपी-एमएलए कोर्ट को सुनना चाहिए था. गैंगस्टर कोर्ट को पूर्व विधायक से सम्बंधित आपराधिक मामला सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं प्राप्त था. न्यायालय ने इसी आधार पर गैंगस्टर कोर्ट के 23 दिसम्बर 2022 के आदेश को निरस्त कर दिया है. हालांकि न्यायालय ने मामले को तथ्यों के आधार पर निर्णित करने के लिए, इसे वापस बलरामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट को भेज दिया है व तीन महीने में निस्तारित करने का भी आदेश दिया है.


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