उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Lucknow News : मुख्यमंत्री ने कहा-चीनी के साथ अब 'ग्रीन ईंधन' का स्रोत बन रहीं चीनी मिलें - यूपी में चीनी मिलें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Lucknow News) ने कहा है कि चीनी उत्पादन के साथ यूपी की चीनी मिलें अब 'ग्रीन ईंधन' का स्रोत भी बन रहीं हैं. यह बदलाव हमारे किसानों की आय में वृद्धि और जीवन में समृद्धि लाने वाली हैं.

म

By

Published : Feb 17, 2023, 3:25 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में चीनी उद्योग के नवाचारों की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि बीते छह वर्षों में प्रदेश की चीनी मिलों ने आधुनिकता की जो राह पकड़ी है, उससे आज यूपी की चीनी मिल, एक सामान्य चीनी उत्पादन करने वाली मिल से आगे बढ़कर 'शुगर कॉम्प्लेक्स' के रूप में उभर कर आई है. एक ही परिसर में चीनी भी बन रही, कोजन प्लांट भी है तो ऑक्सीजन प्लांट और एथनॉल प्लांट भी है. देश में सर्वाधिक गन्ना और चीनी उत्पादन करने वाला उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें आज प्रधानमंत्री की नीतियों को अपनाते हुए सबसे ज्यादा एथनॉल उत्पादन कर 'ग्रीन एनर्जी' के स्रोत के रूप में पहचानी जा रही हैं. यह बदलाव हमारे किसानों की आय में वृद्धि और जीवन में समृद्धि लाने वाली हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 120 वर्ष पहले किसानों के हित को ध्यान में रखकर प्रदेश में पहला चीनी मिल तत्कालीन गोरखपुर जिले के देवरिया (प्रतापपुर) में स्थापित किया गया था. हालिया कुछ दशकों में जिस तरह चीनी मिलें बंद होती जा रहीं थीं, किसान हताश और परेशान थे, पलायन को मजबूर थे, उसने चीनी उद्योग के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया था. वर्ष 2017 के बाद परिवेश बदला. चीनी मिलों से संवाद कर तय हुआ कि जब तक किसान का गन्ना खेत में होगा, चीनी मिलें गन्ना खरीद जारी रखेंगी और यह सुखद है कि मिलों ने ऐसा ही किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 6 वर्ष में डबल इंजन सरकार में गन्ना किसानों को 01 लाख 97 हजार करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया गया. जल्द ही यह 2 लाख करोड़ हो जाएगा.

आज प्रदेश में 100 चीनी मिलें ऐसी हैं जो खरीद के 10 दिन के भीतर किसान का भुगतान कर दे रही हैं. यह बड़ा बदलाव है, शेष मिलों को भी ऐसे ही प्रयास करना चाहिए. आज गन्ना पर्ची की समस्या नहीं है. घटतौली की शिकायतें समाप्त हो गई हैं. गन्ना किसानों की संख्या 45 लाख से 60 लाख हो गई है. गन्ने का उत्पादन भी बढ़ा है और रकबा भी. यही नहीं रिकवरी भी 11% से अधिक हो रही है. चीनी मिल मालिकों की उपस्थिति के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी उद्योग और सरकार के बीच गन्ना किसान है. मिलों को अपनी नीतियों के केंद्र में किसानों को रखना चाहिए. विशेष अवसर पर कोरोना काल की चुनौतियों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने उस दौरान चीनी उद्योग के योगदान की सराहना भी की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चीनी उद्योग के 120 वर्ष के गौरवमयी यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. साथ ही प्रदेश के चीनी उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान करने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया. पद्मश्री मीनाक्षी सरावगी सहित कई हस्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया.


गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने पूर्ववर्ती सरकारों में एक-एक कर बंद होती चीनी मिलों की पीड़ा को साझा करते हुए बीते 06 वर्ष में चीनी उद्योग के पुनरोद्धार के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया. उन्होंने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अधिकाधिक एथनॉल प्लांट की स्थापना पर जोर दिया. कार्यक्रम में इंडियन शुगरमिल एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने राज्य में पहली चीनी मिल की स्थापना के 120 वर्ष पूरे होने पर सभी को बधाई दी तथा चीनी और एथनॉल को लेकर स्पष्ट नीति के लिए केंद्र व राज्य सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को 20% तक करने का लक्ष्य रखा है. चीनी मिलें इसके लिए अपनी ओर पूरा सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने गन्ना उत्पादकता को बढ़ाने और अतिरिक्त एथनॉल पर ध्यान देने की जरूरत भी बताई. साथ ही गन्ना विज्ञानियों से गन्ने की नई प्रजाति पर शोध-अनुसंधान के लिए आग्रह किया.

यह भी पढ़ें : Mayawati ने कहा, हिंदू राष्ट्र की बात कर अहम मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है भाजपा

ABOUT THE AUTHOR

...view details