लखनऊ : राजधानी लखनऊ में चीनी कंपनी इको ग्रीन के टेंडर निरस्त होने के बाद शहर में कूड़ा उठान व्यवस्था बदहाल हो चुकी है. शहर में लाखों घरों से कूड़ा नहीं उठ पा रहा है. इससे लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. लोग निजी स्तर पर घरों का कूड़ा बाहर भेज रहे हैं. नगर निगम प्रशासन जोनवार कूड़ा उठने के लिए नई कम्पनियों के चयन करने में टेंडर प्रक्रिया पूरी करने में अफसर फेल साबित हो रहे हैं. इसका खामियाजा यह है कि राजधानी के कई इलाकों में कूड़ा उठाने के लिए लोग घरों में नही पहुंच रहे हैं.
राजधानी में पिछले कई दिनों से कूड़ा उठान न होने के कारण शहर के लगभग सभी कालोनियों और मोहल्ले की सड़कें कूड़े से पट गई हैं. कुछ समय पहले चीनी कंपनी एक ग्रीन का टेंडर निरस्त करने के बाद इस समस्या को दूर करने के नगर निगम ने प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाए. नगर निगम ने हर जोन में सफाई से लेकर कूड़ा प्रबंधन का काम अलग-अलग एजेंसियों के चयन के लिए टेंडर मांगे थे. बावजूद इसके ग्लोबल टेंडर के बाद भी इस काम के लिए एजेंसियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में शहरवासियों को कूडे की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है.
उल्लेखनीय है कि नगर निगम प्रशासन ने शहर में कचरा निस्तारण व डोर टू डोर कूड़ा क्लेक्शन के लिए लापरवाही पर ईकोग्रीन कम्पनी का टेंडर निरस्त करने का आदेश जारी किया था. कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ था कि जोनवार आठ एजेंसियों का चयन किया जाएगा. अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की, लेकिन यह काम अब भी अधर में फंसा हुआ है. नगर निगम प्रशासन का दावा है कि हम अपने संसाधनों के स्तर पर कूड़ा उठान व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. कई काॅलोनी और मोहल्ले के लोगों का कहना है कि कई दिनों से गाड़ी कूड़ा उठाने के लिए नहीं आ रही है. इसी कारण कूड़े की तादाद बढ़ती जा रही है और सड़कों किनारे काम्पेक्टर के बाहर कूड़ा पड़ा रहता है जो कि वाहनों के साथ पूरे सड़क पर फैल रहा है.