लखनऊ : शहर में बड़े प्रतिष्ठान होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज हॉल तथा अस्पताल संचालक अब सड़कों पर इधर-उधर कूड़ा नहीं फेंक पाएंगे. इसको लेकर नगर निगम ने सख्ती शुरू कर दी है. ऐसे प्रतिष्ठान जिनसे प्रतिदिन 50 किलो से अधिक कूड़ा निकलता है उन्हों कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था खुद करनी होगी. कूड़ा निस्तारण के लिए इन प्रतिष्ठानों को प्लांट भी लगाना होगा. नगर निगम ने सोमवार को अलग अलग जोनों में आरडब्लूए व बल्क वेस्ट जनरेटर के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया. बैठक में केजीएमयू, फातिमा आदि प्रतिष्ठित अस्पताल, होटल व रेस्टोरेंट एंव संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ सब्जी मंडी आलमबाग व अन्य काॅलोनियों के आरडब्ल्यूए मौजूद रहे.
नगर निगम प्रशासन का आदेश :नगर निगम प्रशासन ने संस्थाओं को परिसर में निकलने वाले गीले व सूखे कूड़े के स्त्रोत पर पृथक्कीकरण कर मैकेनिकल कम्पोस्टर के माध्यम से कम्पोस्ट बनाए जाने के लिए निर्देश दिए हैं. खाद बनाने की व्यवस्था न होने पर चयनित एजेंसियों को ही कूड़ा दिए जाने के लिए निर्देशित किया गया है. बैठक के दौरान संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बताया कि कूड़े से कम्पोस्ट बनाने का काम पहले से किया जा रहा है. अब जल्द ही मैकेनाइज्ड भी किया जाएगा.
बड़े प्रतिष्ठान नहीं मान रहे फरमान :बता दें, ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था दी गई है. इसके बावजूद बड़े प्रतिष्ठान इसे लेकर गंभीर नहीं है. ऐसे में इस नियमवाली को कड़ाई से लागू करने के लिए नगर निगम ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. अगर 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने प्रतिष्ठान खुद कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था कर लेते हैं तो शहर में काफी हद तक कूड़े की दिक्कत से राहत मिल जाएगी. नियमों के अनुसार 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज लॉन, बड़े अस्पताल, नर्सिंग होम, निजी स्कूल-कॉलेजों, आवासीय कल्याण समितियों, उद्योगों और अन्य बड़े संस्थानों को अपने कूड़े निस्तारण के लिए अपने परिसर में ही बायो कंपोस्ट यूनिट स्थापित करनी है. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने का प्राविधान है. यह कार्रवाई ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली के तहत की जाएगी.
पीएफ घोटाले के आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मौत :नगर निगम में पीएफ घोटाले के आरोपी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अनिल कुमार की सोमवार को कानपुर में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. अनिल कुमार कानपुर का रहने वाला था. सोमवार को नगर निगम में चर्चा का माहौल गर्म था तो कर्मचारियों में नाराजगी थी. कर्मचारी साथियों के अनुसार अनिल को हार्ट अटैक की शिकायत के पश्चात निजी अस्पताल में ले जाया गया था. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.