लखनऊ : जब भी थोड़ी सी तेज बारिश होती है लखनऊ नगर निगम के कामकाज और अफसरों के कागजी दावों की पोल खुल जाती है. लखनऊ को पिछले नौ साल से अधिकारियों की तरफ से स्मार्ट सिटी करने के बड़े बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी तो दूर की बात है लखनऊ की जनता को अफसर जलभराव से भी निजात नहीं दिला पाए हैं. जरा सी बारिश में पूरे शहर में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.
सोमवार को बारिश हुई तो अफसरों ने मोर्चा जरूर संभाला और जलनिकासी की व्यवस्था कराने में जुट गए. प्रदेश की राजधानी होने के चलते सभी बड़े अधिकारियों के दिशा-निर्देश निरीक्षण आदि के चलते जलनिकासी कराने का काम युद्धस्तर पर चलाया गया. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बात करें तो यह पूरी योजना हीलाहवाली का शिकार है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत लखनऊ को साफ सुथरा, हरा भरा बनाने, ड्रेनेज सिस्टम बेहतर करने का काम, साथ ही स्वच्छ भारत मिशन को भी धरातल पर उतारना था, लेकिन अफसरों की सुस्ती के चलते कुछ भी काम तेजी से नहीं हो पा रहा है. जून 2023 तक यह काम पूरा करना था, लेकिन अभी यह काम पूरा ही नहीं हो पाया है. करीब दो हजार करोड़ रुपए का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट था, लेकिन अभी तक करीब 80 फीसद पैसा खर्च हो गया है और कोई काम धरातल पर नजर नहीं आता है. कुछ समय पहले स्मार्ट सिटी में कामकाज के सुस्त रफ्तार को लेकर शासन की तरफ से भी राजधानी के अफसरों से नाराजगी जताई गई थी. प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगर आयुक्त को भी फटकार लगाई थी कि आखिर स्मार्ट सिटी के काम जल्द से जल्द पूरे किए जाएं, लेकिन अभी भी हाल जस का तस है.
राजधानी में जब भी तेज बारिश होती है तो पूरे शहर में जलभराव की बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है. ड्रेनेज सिस्टम बेहतर करने में राजधानी के अधिकारी अभी तक फेल ही साबित हुए हैं. सोमवार को जब बारिश हुई तो पूरा लखनऊ अस्त व्यस्त हो गया और जनजीवन प्रभावित हो गया, तमाम जगहों पर सड़क धंसी तो काॅलोनियों में भयंकर पानी भरा रहा. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में देश के सौ शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में चिन्हित किया था, लखनऊ भी उन स्मार्ट सिटी में था, लेकिन नौ साल बाद भी लखनऊ की सूरत नहीं बदली और जगह जगह पूरी तरह से बदहाली ही नजर आती है. चौंकाने वाली बात यह है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कोई भी एक काम अफसरों के पास बताने के लिए नहीं हैं जो पूरी तरह से धरातल पर उतर चुका हो.