लखनऊ : इस समय मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, कभी बारिश हो रही है तो कभी धूप निकल रहा है. मौसम में इस परिवर्तन की वजह से ज्यादातर मरीज सर्दी-जुखाम, बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस समय एच3एन2 इनफ्लुएंजा से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. राजधानी लखनऊ में शनिवार सुबह बारिश के बावजूद सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखने को मिली. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एस. देव के मुताबिक इनफ्लुएंजा अब अधिक इफेक्टिव नहीं है. मौजूदा समय में यह वायरल की तरह हो गया है. हालांकि मरीज को ठीक होने में 15 से 20 दिन लग रहे हैं. इसके बाद मरीज को कमजोरी महसूस होती है. हालांकि मौजूदा समय में लखनऊ में एक भी इन्फ्लूएंजा पॉजिटिव मरीज नहीं है.
डॉ. एस. देव के मुताबिक अब वायरल बुखार का सीजन है. तेजी से मौसम में परिवर्तन हुआ है इसके साथ ही इन्फ्लूएंजा एच3एन2 काफी अक्रामक हो गया है. ओपीडी में इस समय करीब 250 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं. यह आंकड़े सिविल अस्पताल की चार ओपीडी को जोड़ते हुए हैं. इनफ्लुएजा से पीड़ित मरीजों में एक समान लक्षण देखने को मिल रहे हैं. यह सीधे गली से शुरू होता है और दो-तीन दिन में मरीज को सर्दी जुखाम बुखार जकड़ लेता है. इसके बाद यह बुखार 15 से 20 दिन तक बना रहता है. इन्फ्लूएंजा उन मरीजों के लिए काफी खतरनाक है जो दमा के मरीज हैं या जिनकी सांस फूलती है. क्योंकि वायरल बुखार 15 से 20 दिन ठीक होने में लगता है और कफ की समस्या हो जाती है. ऐसे में दमा के मरीज को काफी दिक्कत होती है. ऐसे मरीजों को अपनी दिनचर्या का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है, क्योंकि यह वायरल इन्फ्लूएंजा है. अगर घर के किसी एक सदस्य को होगा तो घर के सभी सदस्यों को हो जाएगा. इसलिए जिस मरीज को वायरल बुखार जकड़ रह है वह घर के बाकी सदस्यों से थोड़ा दूर रहे, ताकि वायरस एक दूसरे में फैलने न पाए.