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Lucknow Medical News : मलिहाबाद सीएचसी पर नहीं थी महिला डॉक्टर, गर्भस्थ शिशु की मौत

लखनऊ के मलिहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर के उपलब्ध ने होने से गर्भस्थ शिशु की मौत मामले की शिकायत सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर की गई है. सीएमओ ने बताया कि मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Apr 12, 2023, 6:53 AM IST

लखनऊ :मलिहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में महिला डॉक्टर की अनुपस्थित होने के चलते गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. इस सम्बंध में प्रसूता के पिता ने सीएम जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. मलिहाबाद के सुभानगर, सेंधरवा गांव के रहने वाले राम कुमार ने पोर्टल पर की गई शिकायत में कहा है कि उसकी बेटी लक्ष्मी पाल को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार रात करीब 10 बजे मलिहाबाद सीएचसी ले जाया गया. जहां कोई महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी. पूछने पर स्टॉफ ने बताया कि अस्पताल में महिला डॉक्टर की तैनाती है, लेकिन वह रात को नहीं रुकती हैं. इसके बाद प्रसूता को क्वीन मेरी अस्पताल ले जाया गया. आरोप है कि इलाज में देरी होने के चलते गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई. इस सम्बंध में मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

उपलब्धियों के डॉक्यूमेंटेशन से होती है बौद्धिक संपदा की रक्षा
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने मंगलवार को बौद्धिक संपदा अधिकार स्कोप इन नर्सिंग पर 8वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया. इस मौके पर जैव चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, लखनऊ के निदेशक प्रो. आलोक धवन ने अपने व्याख्यान में डॉक्‍युमेंटेशन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में कुल 250 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं. कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. रश्मी पी. जॉन, प्रिंसिपल, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया. इसके बाद कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, प्रति कुलपति प्रो. विनीत शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. आलोक धवन, निदेशक जैव चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, द्वारा दीप प्रज्‍ज्‍वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्‍भ किया गया.

केजीएमयू की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 21 फैकल्टी, नर्सिंग ऑफिसर और विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक वैज्ञानिक पेपर के साथ-साथ पोस्टर प्रस्तुति में भाग लिया. पहले दिन के सत्र का समापन नर्सिंग छात्रों द्वारा किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुआ. नेशनल कॉन्फ्रेंस के पहले दिन का सत्र सुधा मिश्रा असिस्‍टेंट प्रो. केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ. आज के कार्यक्रम में प्रो. एसएन संखवार, सीएमएस, प्रो. पुनीता मानिक, (डीन) फैकल्टी ऑफ नर्सिंग लखनऊ भी उपस्थित रहे.

सामान्य कामकाज को प्रभावित करती है पार्किंसंस बीमारी
पार्किंसंस बीमारी, मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में असामान्यता के कारण होने वाली समस्या है. जिसमें शारीरिक-मानसिक संतुलन और समन्वय में कठिनाई आ जाती है जो जीवन के सामान्य कामकाज को भी प्रभावित कर देती है. यह बातें रविवार को लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने वर्ल्ड पार्किंसंस दिवस पर कहीं. वर्ल्ड पार्किंसंस दिवस के मौके पर न्यूरोलॉजी विभाग डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की ओर से एक संगोष्ठी आयोजित हुई. संगोष्ठी की शुरुआत एडिशनल प्रोफेसर डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने पार्किंसंस रोग के मरीजों और उनके तीमारदारों का स्वागत किया. डॉ. दिनकर ने पार्किंसंस रोग के लक्षण कारण एवं इलाज पर प्रकाश डाला. डॉ. अब्दुल कवी एसोसिएट प्रोफेसर न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा पार्किंसंस बीमारी से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को उजागर किया एवं मरीजों के शल्य चिकित्सा के इलाज के बारे में बताया गया.

लोहिया अस्पताल की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि योग गुरु डॉ. ओम नारायण अवस्थी ने पार्किंसंस में योग के महत्व को बताकर योग विधाओं का प्रशिक्षण दिया. पीएमआर विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. वीएस गोगिया व उनके सहयोगी डॉ. जावेद, असिस्टेंट प्रोफेसर ने पार्किंसंस में पुनर्वास सम्बन्धी विषय पर प्रकाश डाला एवं नियमित ईलाज पर ज़ोर दिया. सीएमएस डॉ. राजन भटनागर एवं डॉ. अजय कुमार सिंह प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष न्यूरोलॉजी विभाग ने मरीजों का उत्साह वर्धन कर संगोष्ठी की सराहना की.संगोष्ठी के आखिर में मरीजों व उनके तीमारदारों के से प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन हुआ. जिसमें भ्रांतियों व शंकाओ का समाधान किया गया.

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