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किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के तीसरे तल से गिरी बच्ची, हालत गंभीर

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Published : Aug 5, 2023, 4:50 PM IST

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के पुराने ओपीडी भवन के तीसरे तल से गिरी चार साल की बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. केजीएमयू ट्रामा के इंचार्ज डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टरों की टीम इलाज कर रही है.

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लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पुराने ओपीडी भवन के तीसरे तल से चार साल की बच्ची गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गई है. उसके सिर और कई अंगों में गंभीर चोटे आई हैं. परिवारीजन व सुरक्षाकर्मियों ने बच्ची को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया है. जहां अभी भी बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है. केजीएमयू ट्रामा के इंचार्ज डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक बच्ची तीसरे तल से नीचे गिर गई थी. जिसके कारण उसे गंभीर चोट आई हुई है. फिलहाल अभी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. कुछ कहा नहीं जा सकता है. डॉक्टरों की टीम इलाज कर रही है. अभी भी उसे एम्बुबैग के सहारे सांस दी जा रही है.

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के तीसरे तल से गिरी बच्ची.

गोंड़ा के परसोना गांव निवासी माही सबा (04) की आंखों का इलाज केजीएमयू में चल रहा है. 13 फरवरी को माही की आंख का ऑपरेशन हुआ था. पिता जुबैर का कहना है कि बेटी को मोतियाबिंद की परेशानी है. ऑपरेशन के बाद गुरुवार को रूटीन जांच के लिए परिवारीजन माही को लेकर पुराने ओपीडी भवन के तीसरे तल पर थे. यहां नेत्र रोग विभाग की ओपीडी का संचालन होता है. डॉक्टर की सलाह पर सुबह करीब नौ बजे माही की आंख में दवा डाली गई थी. इसी दौरान मां अपने दूसरे बच्चों को संभालने लगी. माही खेलते हुए रैंम्प के पास पहुंच गई थी. इसी दौरान उसका पैर फिसल गया था और वह तीसरे तल से सीधे भूतल पर गिर गई थी.



अमृत फार्मेसी के सामने बच्ची फर्श पर खून से लथ-पथ अवस्था में गिरी थी. इससे वहां अफरा-तफरी मच गई. दवा खरीदने के लिए खरीद लोग घटना को देखकर सन्न रह गए. आनन-फानन सुरक्षा गार्डों ने बच्ची को उठाया. तब तक परिवारीजन भी नीचे आ गए थे. बच्ची को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. यहां डॉक्टरों ने खून व रेडियोलॉजी से संबंधी दूसरी जांचें कराईं. जांच में सिर में गंभीर चोटें बताई गई हैं. शरीर के दूसरे अंगों में भी चोटें आई हैं. सांस लेने में तकलीफ की वजह से डॉक्टरों ने बच्ची को एम्बुबैग का सहारा दिया. केजीएमयू डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची का इलाज चल रहा है.

उपमुख्यमंत्री ने संयुक्त सचिव के साथ की बैठक

उपमुख्यमंत्री ने संयुक्त सचिव के साथ की बैठक.



उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को अपने शासकीय आवास-9 राज भवन कॉलोनी पर भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्वास्थ्य राजीव माझी और प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा के साथ बैठक की. बैठक में भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति के संबंध में चर्चा हुई. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा संचारी रोगों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान से लोगों को इसके प्रभाव से बचाने में तथा रोगों के उन्मूलन में अप्रत्याशित सफलता मिली है. जिन रोगों के उन्मूलन में अधिक सफलता मिली है, उनमें इंसेफलाइटिस, कालाजार आदि प्रमुख है. डिप्टी सीएम ने बताया कि 10 अगस्त से ’’स्वास्थ्य कर्मी आपके द्वार’’ अभियान चलाकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी. इस अभियान का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया करेंगे.

क्या है फाइलेरिया

फाइलेरिया से बचाव

  • फाइलेरिया बिमारी फाइलेरिया संक्रमण मच्छरों के काटने से फैलती है. ये मच्छर फ्युलेक्स एवं मैनसोनाइडिस प्रजाति के होते हैं. जिसमें मच्छर एक धागे समान परजीवी को छोड़ता है. यह परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है.
  • फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है. किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है. फाइलेरिया के लक्षण हाथ व पैर में सूजन व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है.
  • किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के बाद बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं. फाइलेरिया रोग उपचार से ठीक हो सकता है. डीईसी दवा की खुराक एक वर्ष में एक बार खाएं. इस दवा का सेवन लगातार पांच से छह वर्ष तक करने से फाइलेरिया रोग ठीक हो जाता है.
  • इस बीमारी के फैलने की मुख्य वजह मच्छर हैं. इसलिए उनसे बचाव करना जरूरी है.
  • घर के आस-पास सफाई रखें ताकि मच्छर अपना प्रभाव नहीं डालें.
  • घर में कीटनाशक का छिड़काव करें और घर में कहीं भी पानी को जमा नहीं होने दें.
  • सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं.

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