लखनऊ : सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ बुरा बरताव करने के मामले तो आम हैं, लेकिन हद तो तब हो गई जब शव को लेकर ही अस्पताल कर्मी अमानवीयता पर उतर आए. मामला हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल का है. जहां शव को सील करने वाले बैग में रखने के कर्मचारी 800 रुपये मांग रहे थे. इसी पर परिजन और कर्मचारियों में कहासुनी हो गई और गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
जानकारी के अनुसार सिकंदरनगर निवासी मो. रियान (20) ने शनिवार को गोमती नदी में कूदकर खुदकुशी कर ली थी. रविवार सुबह आठ बजे एसडीआरएफ की टीम ने नदी से शव बरामद कर सिविल अस्पताल पहुंचा दिया. जहां शव मर्च्यूरी में रखा गया था. दोपहर 11 बजे के बाद जब अस्पताल स्थित चौकी की पुलिस पंचनामा करने पहुंची तब शव सील करने के बाद बैग में रखने को लेकर अस्पताल कर्मचारियों ने 800 रुपये की मांग की. अस्पताल कर्मचारियों ने कहा कि बिना रुपये के हम शव को हाथ नहीं लगाएंगे. इस पर परिजन और अस्पताल कर्मियों के बीच बहस शुरू हो गई. इसके बाद परिजनों व समाजसेवी चौधरी राकेश सिंह ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल से कोई सीनियर अधिकारी या डॉक्टर ने बात तक नहीं की. वहीं कर्मचारी घंटों रुपये के लिए बहस करते रहे. रियान की मौसी यास्मीन खान ने बताया कि बहुत मिन्नतें करने के बाद 150 रुपये लेकर शव को बैग में रखा.