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सिविल अस्पताल लखनऊ में शव बैग के लिए अस्पताल कर्मचारियों ने मांगे रुपये, हुआ हंगामा

लखनऊ के हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में शव सील करने को लेकर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है. शव बैग के लिए अस्पतालकर्मियों ने रुपये मांगे तो परिजनों ने हंगामा कर दिया.

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Published : Jun 5, 2023, 7:17 AM IST

लखनऊ : सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ बुरा बरताव करने के मामले तो आम हैं, लेकिन हद तो तब हो गई जब शव को लेकर ही अस्पताल कर्मी अमानवीयता पर उतर आए. मामला हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल का है. जहां शव को सील करने वाले बैग में रखने के कर्मचारी 800 रुपये मांग रहे थे. इसी पर परिजन और कर्मचारियों में कहासुनी हो गई और गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

जानकारी के अनुसार सिकंदरनगर निवासी मो. रियान (20) ने शनिवार को गोमती नदी में कूदकर खुदकुशी कर ली थी. रविवार सुबह आठ बजे एसडीआरएफ की टीम ने नदी से शव बरामद कर सिविल अस्पताल पहुंचा दिया. जहां शव मर्च्यूरी में रखा गया था. दोपहर 11 बजे के बाद जब अस्पताल स्थित चौकी की पुलिस पंचनामा करने पहुंची तब शव सील करने के बाद बैग में रखने को लेकर अस्पताल कर्मचारियों ने 800 रुपये की मांग की. अस्पताल कर्मचारियों ने कहा कि बिना रुपये के हम शव को हाथ नहीं लगाएंगे. इस पर परिजन और अस्पताल कर्मियों के बीच बहस शुरू हो गई. इसके बाद परिजनों व समाजसेवी चौधरी राकेश सिंह ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल से कोई सीनियर अधिकारी या डॉक्टर ने बात तक नहीं की. वहीं कर्मचारी घंटों रुपये के लिए बहस करते रहे. रियान की मौसी यास्मीन खान ने बताया कि बहुत मिन्नतें करने के बाद 150 रुपये लेकर शव को बैग में रखा.

केजीएमयू के डॉक्टर ने बलरामपुर अस्पताल में मीनू का जाना हाल :केजीएमूय के डॉक्टर ने रविवार को बलमरापुर अस्पताल पहुंचकर मीनू की सेहत का हालचाल लिया. पेट रोग विशेषज्ञ ने मीनू के इलाज से जुड़ी पुरानी रिपोर्ट देखीं. साथ ही पेट में पानी भरने व अन्य परेशानी की ताजा स्थिति जानने के लिए इंडोस्कोपी कराने की सलाह दी है. बलरामपुर अस्पताल के आर्थोपैडिक्स वार्ड में भर्ती असम की शशि मुखर्जी उर्फ मीनू का इलाज केजीएमयू के डॉक्टर ने शुरू कर दिया है.

अस्पताल प्रशासन की पहल पर केजीएमयू के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर ने बलरामपुर अस्पताल आकर मीनू की सेहत देखी. पुरानी रिपोर्ट के आधार पर दवाओं में कुछ बदलाव किया है. साथ ही अस्पताल प्रशासन से मीनू की इंडोस्कोपी कराने की सलाह दी है. मीनू की मदद के लिए रविार को कुछ अन्य लोग भी अस्पताल पहुंचे. करीब एक साल पहले पेट में तेज दर्द के बाद शशि मुखर्जी उर्फ मीनू को बलरामपुर अस्पताल के आर्थोपैडिक्स वार्ड 33 में बेड नंबर एक पर भर्ती किया गया. वह क्रॉनिक लिवर बीमारी से पीड़ित हैं. मीनू सुबह-शाम मरीजों को गीत सुनाती हैं. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि मीनू का इलाज केजीएमयू के डॉक्टरों के निर्देशन में शुरू हो गया है. पेट रोग विशेषज्ञ ने रविवार को अस्पताल आकर मीनू को देखा. इससे मीनू को और बेहतर इलाज मिलेगा.

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