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मीटिंग में नहीं पहुंचे एलडीए वीसी, एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर की नहीं दूर हो पाई समस्या

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Published : Jun 24, 2021, 3:44 AM IST

लखनऊ में राजधानी के शहीद पथ से एयरपोर्ट को जोड़ने वाले लिंक फ्लाईओवर के निर्माण में आ रही अड़चन को दूर करने को लेकर बुधवार को एक बैठक हुई. इस बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष को मुख्य रूप से उपस्थित होना था, लेकिन वह मीटिंग में नहीं पहुंच पाए.

एलडीए वीसी
एलडीए वीसी

लखनऊ:राजधानी के शहीद पथ से एयरपोर्ट को जोड़ने वाले लिंक फ्लाईओवर के निर्माण में आ रही अड़चन को दूर करने को लेकर बुधवार को शासन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. खास बात यह रही कि इस बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश को मुख्य रूप से उपस्थित होना था और फ्लाईओवर के निर्माण में मुआवजे की अड़चन को दूर करना था, लेकिन शासन के वरिष्ठ अफसरों की महत्वपूर्ण बैठक में अभिषेक प्रकाश नहीं पहुंच पाए. हालांकि लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से सचिव गंगवार बैठक में पहुंचे, लेकिन अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने उनके साथ बैठक किए जाने से इंकार कर दिया.

मुआवजे की समस्या पर एक दो दिन में फिर होगी बैठक

बैठक में फ्लाईओवर के निर्माण में 100 मीटर की जमीन को लेकर मुआवजे की अड़चन दूर नहीं हो पाई. हालांकि एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि जनहित से जुड़ा जो प्रोजेक्ट है फ्लाईओवर निर्माण का वह जारी रहेगा और मुआवजे आदि के बारे में शासन स्तर पर एक-दो दिन में प्रस्तावित बैठक में फैसला लिया जाएगा.

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100 मीटर के दायरे में आने वाली जमीन के मुआवजे की समस्या

लखनऊ के शहीद पथ से एयरपोर्ट को जोड़ने वाले लिंक फ्लाईओवर के निर्माण में 100 मीटर के दायरे की जमीन का मुआवजा मिलने को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा डाल रहा था. सरकारी प्रोजेक्ट और जनहित के प्रोजेक्ट होने के बावजूद जमीन का मुआवजा लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर लगातार मांगा जा रहा था, जिसे देने को लेकर फ्लाईओवर निर्माण करने वाली सेतु निगम संस्था देने से मना कर दिया. इसी मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक होनी थी, लेकिन इस बैठक में एलडीए के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश नहीं पहुंच पाए और उन्होंने अपनी जगह इस बैठक में सचिव पवन गंगवार को भेज दिया.

एक दो दिन में फिर होगी बैठक

बैठक की अध्यक्षता करने वाले लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने एलडीए सचिव से एलडीए उपाध्यक्ष को ही बैठक में भेजे जाने की बात कही और फिर एक-दो दिन में बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें तकनीकी रूप से मुआवजा के बारे में फैसला के उपाध्यक्ष की सहमति के आधार पर ही होगा.



साल 2018 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

लखनऊवासियों के लिए वर्ष 2018 में एयरपोर्ट जाने के रास्ते में लगने वाले भयंकर जाम से निजात दिलाने को लेकर एक बड़ा प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था. करीब 1125 मीटर लंबे शहीद पथ से एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर की स्वीकृति दी गई थी. 134 करोड़ रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था. कार्यदाई संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने इसका काम शुरू किया. लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से एयरपोर्ट की पास की जमीन दे दी गई और लगातार पिछले 3 साल से निर्माण कार्य चल रहा है.

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100 मीटर के दायरे में जमीन का विवाद लगा रहा है ब्रेक

फिलहाल मात्र 100 मीटर के दायरे में आने वाले करीब 1600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की जमीन का एलडीए के अफसरों की लापरवाही की वजह से प्रोजेक्ट के लिए नहीं मिल पा रही है. इस जमीन दे पाने को लेकर अफसर फैसला नहीं कर पा रहे हैं. इस जमीन में आवासीय प्लॉट के साथ ही पार्क, सड़क और ग्रुप हाउसिंग के भूखंड हैं. पिछली कई बार की बातचीत में एलडीए और शासन के अधिकारियों की सेतू निगम के अधिकारियों से बातचीत हुई, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पा रही है.

अधिकारियों का दावा सुलझा लिया जाएगा विवाद

सेतु निगम के एमडी अरविंद कुमार का कहना है कि फिलहाल हम बाकी निर्माण कार्य कर रहे हैं और उसे अंतिम रूप दे रहे हैं. जहां तक लखनऊ विकास प्राधिकरण से जमीन मिलने की बात है तो यह लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर किया जाना है. शासन स्तर पर वरिष्ठ अफसरों की उपस्थिति में दोबारा बैठक की जाएगी और उस पर सहमति बनाई जाएगी. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया जाए.

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