लखनऊ :मध्य कमान की तरफ से सूर्या खेल परिसर में नो योर आर्मी (अपनी सेना को जानें) मेले में भारतीय सेना के अत्याधुनिक हथियार लोगों का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. सिर्फ अपने देश में निर्मित ही नहीं इजराइल और रूस के रडार और टैंक भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं. ये ऐसे उपकरण हैं जो दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में भारतीय सेना की मदद करते हैं. भारतीय सेना इनका भरपूर इस्तेमाल कर रही है. कई मौके पर ये उपकरण भारतीय सेना का सिर ऊंचा कर चुके हैं.
रडार सिस्टम में हैं 21 एंटीने :पिछले कई माह से फिलिस्तीन और हमास के छक्के छुड़ा देने वाला इजराइल दुनिया भर में अपने अत्याधुनिक हथियारों की वजह से जाना जाता है. इजराइल और भारत अच्छे दोस्त हैं. लिहाजा, इजरायल की टेक्नोलॉजी और उसके हथियार भारतीय सेना को मजबूती देने में काम आ रहे हैं. ऐसा ही इजराइल का एक रडार सिस्टम मध्य कमान की तरफ से आयोजित अपनी सेना को जानें मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. नायब सूबेदार ब्रजभूषण ने ईटीवी भारत को बताया कि इजराइल के इस रडार में 21 एंटीने हैं. यह 80 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के किसी भी विमान को न सिर्फ डिटेक्ट कर लेता है, बल्कि तत्काल उसे नेस्तनाबूद करने के लिए संदेश भेज देता है, इसमें लगा एंटीना दुश्मन सेना के एयरक्राफ्ट का डाटा भेजता है. जिसके बाद जब एयरक्राफ्ट हमारी सीमा की तरफ बढ़ता है तो रिमोट से ही टारगेट को तबाह कर दिया जाता है. 2021 में यह भारतीय सेना के साथ जुड़ा है. इसकी टेस्टिंग की जा चुकी है और पूरी तरह सफल है. अभी तक भारत कई देशों के रडार सिस्टम का इस्तेमाल कर चुका है. इजराइल उनमें से एक है.
रूस का टैंक भी खींच रहा ध्यान :रूस निर्मित टैंक तुंगस्क, मल्टीटास्किंग है. यह भी अपनी तरफ लोगों का ध्यान खींच रहा है. नायब सूबेदार जय सिंह ने बताया कि इसमें रडार, गन और मिसाइल सिस्टम तीनों लगे हैं. रडार 18 किलोमीटर रेंज में दुश्मन की गतिविधि का पता लगाता है. वहीं गन चार किलोमीटर की रेंज में दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है, जबकि मिसाइल सिस्टम आठ किमी रेंज तक मार करती है. यह टैंक न्यूक्लियर वॉर से भी निपटने की क्षमता रखता है. भारत रूस के टैंकों के अलावा कई अन्य उपकरण भी इस्तेमाल करता है जो सेना को काफी मजबूती दे रहे हैं.