लखनऊ :केजीएमयू लावारिस मरीजों को इलाज मुहैया कराने के साथ तीमारदारों की तलाश भी कर रहा है, ताकि बिछड़े सदस्यों को परिवार से मिलाया जा सके. सोमवार को केजीएमयू न्यूरो सर्जरी विभाग की तरफ से लावारिस हाल में भर्ती मरीज के बारे में खोजबीन शुरू करा दी है. पुलिस आदि को सूचना भेज दी गई है.
दरअसल, 24 सितंबर को सड़क हादसे में घायल 45 वर्ष पुरुष को गंभीर अवस्था में केजीएमयू में भर्ती कराया गया. मरीज के सिर और आंख में गहरी चोटें आई हैं. गोंडा जिला अस्पताल से पुलिस कांस्टेबल नीतीश कुमार घायल को लेकर ट्रॉमा सेंटर आए थे. नीतीश ने बताया कि मरीज का 23 सितंबर को रात में 9 बजे गोंडा में नगर थाना कोतवाली के आसपास सड़क हादसा हो गया था. इन्हें केजीएमयू में 24 सितंबर को लाया गया था. यह अभी केजीएमयू के शताब्दी फेज दो पांचवें तल पर न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती हैं. विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीके ओझा के मुताबिक सिर व आंख में गंभीर चोटें हैं. मरीज कोमा में है. इनके दाहिने हाथ पर गोपी नाम खुदा हुआ है. स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई है. बायोमेट्रिक के माध्यम से आधार कार्ड आदि के बारे में पता लगाया जा रहा है.
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टला नहीं है, सावधानी बरतें
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टला नहीं है. लिहाजा अभी भी कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करें. हाथों को समय-समय पर धोते रहें. घर से बाहर निकलते वक्त मास्क अवश्य लगाएं. क्योंकि कोरोना होने के बाद उससे उबरना कठिन होता है. यह जानकारी केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने दी. कान्फ्रेंस का शुभारंभ कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने किया. वह सोमवार को रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग व यूपी चैप्टर इण्डियन चेस्ट सोसाइटी की ओर से द्वितीय राष्ट्रीय पल्मोनरी पीजी कांफ्रेंस (वर्चुवल) को संबोधित कर रहे थे. डॉ. सूर्यकान्त ने कहा- कोरोना की पहली व दूसरी लहर से अभी भी बहुत से मरीज उबर नहीं पा रहे हैं. महीनों इलाज कराने के बाद भी सांस लेने में तकलीफ, मानसिक समस्या, बुखार जैसी परेशानियां बनी हुई हैं. ओपीडी में ऐसे काफी मरीज आ रहे हैं. लिहाजा बचाव करते रहें. भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें. बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं.
सांस संबंधी बीमारी बढ़ी