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देश का सबसे प्रदूषित शहर लखनऊ, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 340

देश का सबसे प्रदूषित शहर राजधानी लखनऊ बन गया है. स्मॉग की मोटी परत से राजधानी बेहाल हो गई है. लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 340 के खराब स्तर पर पहुंचा है. वाराणसी में भी प्रदूषण का स्तर बेहत खराब है...

शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा.
शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा.

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Published : Nov 28, 2020, 8:40 AM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के शहरों में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में कई ऐसे शहर सामने आए हैं, जहां की हवा सबसे ज्यादा जहरीली हो चुकी है. आज एयर क्वालिटी इंडेक्स में उत्तर प्रदेश के शहरों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है. प्रदूषण के मामले में देश में पहले नंबर पर लखनऊ है, जबकि दूसरे नंबर पर वाराणसी है.

उत्तर प्रदेश मे अब दिल्ली से भी ज्यादा वायु प्रदूषण हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में यह साफ हुआ है कि उत्तर प्रदेश अब दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित है. दरअसल एयर क्वालिटी इंडेक्स में दिल्ली का आंकड़ा 196 है, वहीं उत्तर प्रदेश के शहरों में लखनऊ अकेले ही 340 अंक के साथ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में है.

सड़कों पर चल रहे दोपहिया वाहन.

वाराणसी की हवा में घुला जहर

देश व प्रदेश में आज सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में वाराणसी नंबर 2 पर है. वाराणसी की आबोहवा इस कदर खराब हो चली है जिसके बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स में 338 अंक तक पहुंच गई है. इसके अलावा लखनऊ 340 पहले नंबर पर है. बुलंदशहर 196, गाजियाबाद में 168, ग्रेटर नोएडा 130, नोएडा 126, कानपुर 309 में एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ साथ उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.



तालकटोरा व लालबाग का सबसे बुरा हाल

राजधानी लखनऊ में बीते कई दिनों से हवा में सुधार होता दिख रहा था, जिससे यह माना जा रहा था कि जिला प्रशासन के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. लेकिन बीते 2 दिनों से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती जा रही है. जिसकी वजह से राजधानी लखनऊ की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा प्रदूषण 3 क्षेत्रों में है. जिनमें आज तालकटोरा व लालबाग क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण मापा गया है. लालबाग में 362 व तालकटोरा में 351 प्रदूषण का स्तर है. गोमती नगर क्षेत्र में भी प्रदूषण सबसे ज्यादा है. इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

लखनऊ में कई दिनों से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले प्रशासन ने इसे रोकने को दिशा-निर्देश जारी किए थे. लेकिन इसके बाद भी लखनऊ इन निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा. कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने निर्देश दिए थे कि निर्माण कार्य स्थलों पर पानी का छिड़काव कर धूल उड़ने से रोकी जाए. निर्माण स्थल पर ग्रीन नेट लगाने समेत कई अन्य सावधानियां बरतने को कहा जा रहा था. लेकिन इसका असर नजर नहीं आ रहा. नतीजा यह हुआ कि राजधानी लखनऊ उत्तर प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर है. राजधानी लखनऊ के कई क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें लालबाग में चल रहे निर्माण कार्य स्थलों व मिट्टी के ढके गड्ढों में धूल उड़ती नजर आ रही है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले पर सख्ती बरती जा रही है.

प्रदूषण फैलाने वालों पर उत्तर प्रदेश सरकार सख्त

प्रदूषण फैलाने वालों को लेकर के सरकार ने अब सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में 1633 टीमों ने पिछले एक हफ्ते में करीब साले 8000 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई है. इसके अलावा 427 को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है. साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश भर में अब तक 30 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है. इतना ही नहीं 90 ईट भट्टों सहित कुल 118 प्रोजेक्ट को लेकर के सरकार ने सख्ती दिखाते हुए प्रोजेक्ट की तालाबंदी तक कर दी है.

पराली जलाने के करीब 2500 मामले

पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामले अधिक हैं, इनमें 25 नवंबर तक की पराली जलाने की घटनाएं करीब 2500 के आसपास अब तक सामने आई है. जो कि पिछले साल के मुकाबले 300 से 400 ज्यादा है. हालांकि सरकार द्वारा 1300 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं 836 कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हुई है. साथ ही साथ 40 लाख रुपये अभी तक सरकार जुर्माने के रूप में वसूल भी चुकी है.

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