लखनऊ:जिले में खनन घोटाले में फंसे आईएएस विवेक को यूपी सरकार ने विशेष सचिव गृह एवं कारागार बनाया है. प्रदेश में हुए खनन घोटाले को लेकर सीबीआई और ईडी ने विवेक समेत तीन आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. साल 2019 में खनन घोटाले को लेकर ईडी ने देवरिया में बांटे गए खनन पट्टे को लेकर आईएएस अफसर विवेक से पूछताछ करने के साथ ही सीबीआई ने छापेमारी भी की थी. फिलहाल विवेक अब गृह विभाग में विशेष सचिव के तौर पर कामकाज संभालेंगे. अब तक वे विशेष सचिव नियोजन विभाग में थे. योगी सरकार ने शुक्रवार देर रात 12 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं.
सीबीआई और ईडी ने IAS विवेक के ठिकानों पर की थी छापेमारी
2009 बैच के आईएएस विवेक पर देवरिया में डीएम रहते हुए बालू खनन से काली कमाई कमाने का आरोप लगा था. आरोप था कि विवेक ने देवरिया में खनन के अवैध पट्टे किए थे. इसकी जांच कर रही सीबीआई ने साल 2019 को गृह विभाग और तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह को को भेजी थी. यही नहीं 10 जुलाई 2019 को सीबीआई ने एक साथ यूपी के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें आईएएस विवेक का सुशांत गोल्फ सिटी स्थित घर भी शामिल था.
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लखनऊ: खनन घोटाले में फंसे आईएएस विवेक बनाए गए विशेष सचिव गृह
2009 बैच के आईएएस विवेक पर देवरिया में डीएम रहते हुए बालू खनन से काली कमाई कमाने का आरोप लगा था. सीबीआई ने साल 2019 में IAS विवेक के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. विवेक को अब गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात किया गया है.
ईडी ने की थी पूछताछ
वहीं, खनन घोटाले की जांच कर रहे प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं. सीबीआई छापेमारी के बाद ईडी ने आईएएस विवेक से सितम्बर 2019 में पूछताछ की थी. ईडी ने विवेक को लखनऊ जोनल ऑफिस में बुलाकर करीब 5 घंटे पूछताछ की थी.
दरअसल, साल 2012 में अवैध खनन पट्टों को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 2013 में आदेश दिया कि अब कोई भी नया पट्टा नहीं दिया जाएगा और पुराने पट्टों का नवीनीकरण भी नहीं होगा. इस दौरान 10 महीने के करीब अभय सिंह फतेहपुर के डीएम थे. आदेश के बावजूद जिले में खनन जारी रहा. जिसके बाद जुलाई 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट कोर्ट ने यूपी के सात जिलों में अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इसमें, फतेहपुर, सहारनपुर, कौशांबी, हमीरपुर, शामली, देवरिया और सिद्धार्थनगर भी शामिल हैं. इसके बाद से सीबीआई और ईडी ने इस मामलें की जांच कर छापेमारी की थी.
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