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Lucknow News : पाताल लोक में बसा है 25 फीसद लखनऊ, जानिए क्या है इन तहखानों का राज - खतरे में लखनऊ के मकान

लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों की अनदेखी और मिलीभगत से लखनऊ के 25 फीसदी हिस्से को पाताल लोक (बेसमेंट) बना दिया गया है. ऐसा नहीं है कि बेसमेंट बनाना गैरकानूनी है, लेकिन मानकों के पालन न करने से खतरा बढ़ गया है.

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Published : Jul 8, 2023, 5:05 PM IST

पाताल लोक में बसा है 25 फीसद लखनऊ. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 25% शहर पाताल लोक में बसता है. वजीरगंज में बेसमेंट खोदाई से मकानों को खतरा हो गया है. इसके बाद शहर भर में इस तरह के अवैध बेसमेंट पर सवाल उठ रहे हैं. जनपथ मार्केट, अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट, चौक और गोमती नगर में ऐसे ही अनेक बाजारों में दो-दो मंजिल के बेसमेंट बना दिए गए हैं जो खतरनाक होते जा रहे हैं. वजीरगंज में बुधवार को एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भर गया था. जिसकी वजह से उसके आसपास के मकानों में खतरा मंडरा रहा है. इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने वजीरगंज थाने में तहरीर देकर बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की है.

यूपी में बेसमेंट बनाने के मानक.
पाताल लोक में बसा है 25 फीसद लखनऊ.

मगर सच यह है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंताओं की अनदेखी के चलते हैं पूरे शहर में अवैध बेसमेंट बढ़ते जा रहे हैं. यहां तक कि लखनऊ के नीचे एक पाताल लोक तैयार हो चुका है. जो शहर की धरती को खोखला कर रहा है. अमीनाबाद मेडीसिन मार्केट का हाल भयावह है. यहां 100-100 वर्ग फीट की दुकानों में दो दो मंजिल के बेसमेंट बनाए जा चुके हैं. ऐसे ही हजरतगंज की जनपथ मार्केट, कैसरबाग, चौक, अमीनाबाद, ठाकुरगंज और अपेक्षाकृत नई कॉलोनी गोमतीनगर का भी यही हाल है.

एलडीए उपाध्यक्ष ने लिया एक्शन.
पाताल लोक में बसा है 25 फीसद लखनऊ.



मानक दरकिनार जमकर होता है अवैध खनन : इस संबंध में सारे मानक दरकिनार कर दिए गए हैं. एक भी सुरक्षा मानक पूरा किए बिना बेसमेंट का निर्माण किया जाता है. अवैध तौर से मिट्टी का खनन होता है. इस ओर से लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर जिला प्रशासन और पुलिस के अफसर आंख मूंद लेते हैं. पूरे शहर में यही हाल है. गोमती नगर के विभूतिखंड में होटल हयात इंटरनेशनल के निर्माण के दौरान हुए खनन से भी आसपास के दर्जनों मकानों में दरारें पड़ गई थीं. इसके बाद लोगों को यहां से विस्थापित करना पड़ा था. ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. कहीं कोई सुनवाई नहीं होती. बस किसी बड़ी घटना होने की दशा में दिखावे की कार्रवाई करके अफसर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं.

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