उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बीस साल बाद अतिक्रमण हटाने की नोटिस देने पर हाईकोर्ट ने राजस्व को दिए जांच के आदेश

हाइकोर्ट की लखनऊ ब्रांच ने बीस साल बाद अतिक्रमण हटाने की नोटिस देने पर प्रमुख सचिव से तीखा सवाल किया है. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि अतिक्रमण के समय आंख मूंदे रहने वाले अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.

etv bharat
लखनऊ हाइकोर्ट

By

Published : Jul 20, 2022, 10:46 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जमीन पर बीस साल पुराने कथित कब्जे को अतिक्रमण मानते हुए, इसे हटाने के राज्य सरकार के कदम पर कहा है कि यह काम प्रशंसनीय तो है. लेकिन सरकार को यह भी बताना होगा कि किन अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त अतिक्रमण अब तक बना हुआ था और सरकार ने उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है.

न्यायालय ने कहा कि जिस विभाग व अधिकारी का जिम्मा उक्त जमीन को अतिक्रमण से मुक्त रखने का था, उसकी मिलीभगत के बिना यह अतिक्रमण नहीं हो सकता है. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ प्रमुख सचिव, राजस्व को चार सप्ताह में मामले की जांच कर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने का आदेश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने महेश कुमार अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. याचिका में सहायक कलेक्टर सीतापुर के 30 दिसम्बर 2021 तथा कलेक्टर सीतापुर के 10 जून 2022 के आदेशों को चुनौती दी गई है. उक्त आदेशों में याची को ग्राम सभा की एक जमीन पर अतिक्रमणकारी करते हुए, उस पर पांच लाख चालीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माना न अदा करने पर उक्त जमीन पर बने निर्माण को गिरा दिया गया.

पढ़ेंः भाजपा विधायक रामचंद्र यादव को बड़ी राहत, मुकदमा वापसी की अनुमति पर जिला कोर्ट को पुनर्विचार के आदेश

याची की दलील थी कि उसे अतिक्रमणकारी घोषित करने से पहले कोई नोटिस नहीं दी गई. इस पर न्यायालय ने यह भी जानकारी मांगी है कि याची को किस प्रकार से नोटिस प्राप्त कराई गई थी. अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि स्थानीय प्रशासन के मुताबिक याची ने बीस साल से जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ था. इससे यह तो स्पष्ट है कि यह अतिक्रमण बिना जिम्मेदार अफसर की मिलीभगत के नहीं हुआ होगा. न्यायालय ने सख्त रूख अपनाते हुए प्रमुख सचिव राजस्व को इस प्रकरण में चार सप्ताह में प्रारम्भिक जांच पूरी कर जिम्मेदारी तय करने का आदेश दिया है. यह भी पूछा है कि जिम्मेदार अधिकारी के लिए वह क्या कार्रवाई प्रस्तावित करेंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details