लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पूरी के खिलाफ जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में केजीएमयू में नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए, जांच की मांग की गई थी. यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने श्रीकांत सिंह की जनहित याचिका पर पारित किया.
याचिका में मांग की गई थी कि नियुक्तियों में कथित अनियमितता के लिए केजीमयू के चांसलर, लोकायुक्त व राज्य सरकार को कुलपति के खिलाफ स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने का आदेश दिया जाए. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने याची के विश्वसनीयता के बारे में पूछा तो उसके अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. हालांकि न्यायालय इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. न्यायालय ने कहा कि जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए याची की विश्वसनीयता पहली शर्त होती है.