लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नवरात्रि पूजा और राम नवमी के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ इत्यादि का प्रबंध करने व इस अवसर पर प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को प्रत्येक जिले में एक-एक लाख रुपये देने सम्बंधी शासनादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा किए गए इन कार्यों को सेक्युलर कार्य मानते हुए कहा है कि याची ने शासानदेश को ठीक से समझा नहीं है.
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की याचिका पर पारित किया. न्यायालय द्वारा याचिका को 22 मार्च को ही खारिज किया जा चुका था. हालांकि विस्तृत आदेश मंगलवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया. याचिका में 10 मार्च 2023 को जारी शासनादेश के प्रावधानों को चुनौती दी गई थी. उक्त शासनादेश में 29 व 30 मार्च को विशेष अभियान के तहत दुर्गा सप्तशती, देवी जागरण व देवी गायन का पाठ महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कराने को कहा गया था.