उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने राम नवमी कार्यक्रम के आयोजन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज की - लखनऊ की खबरें

लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा नवरात्रि पूजा और राम नवमी के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ इत्यादि का प्रबंध करने व इस अवसर पर प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के लिए प्रत्येक जिले को एक-एक लाख देने संबंधी शासनादेश के विरुद्ध दाखिल याचिका खारिज कर दी है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

By

Published : Apr 11, 2023, 10:28 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नवरात्रि पूजा और राम नवमी के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ इत्यादि का प्रबंध करने व इस अवसर पर प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को प्रत्येक जिले में एक-एक लाख रुपये देने सम्बंधी शासनादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा किए गए इन कार्यों को सेक्युलर कार्य मानते हुए कहा है कि याची ने शासानदेश को ठीक से समझा नहीं है.

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की याचिका पर पारित किया. न्यायालय द्वारा याचिका को 22 मार्च को ही खारिज किया जा चुका था. हालांकि विस्तृत आदेश मंगलवार को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया. याचिका में 10 मार्च 2023 को जारी शासनादेश के प्रावधानों को चुनौती दी गई थी. उक्त शासनादेश में 29 व 30 मार्च को विशेष अभियान के तहत दुर्गा सप्तशती, देवी जागरण व देवी गायन का पाठ महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कराने को कहा गया था.

तमाम अन्य प्रबंधों के साथ ही राम नवमी और नवरात्रि के कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के लिए प्रत्येक जिले को एक-एक लाख रुपये देने का निर्देश संस्कृति विभाग को दिया गया था. याची का कहना था कि इस प्रकार का आदेश संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन है, साथ ही यह सेक्युलर व्यवस्था के भी विरुद्ध है.

न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि धार्मिक अवसरों पर सरकार द्वारा व्यवस्था किया जाना एक सामान्य सेक्युलर कार्य है. न्यायालय ने कहा कि एक-एक लाख रुपये मंदिर के किसी पुजारी को नहीं दिए जा रहे हैं, बल्कि यह भुगतान सरकार द्वारा मंदिरों या राम नवमी के मेलों में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को दिया जा रहा है लिहाजा यह सरकार द्वारा किसी धर्म या धार्मिक संप्रदाय के प्रचार का मामला नहीं है.

पढ़ेंः स्वामी रामभद्राचार्य रामकथा में बोले, मरे मुलायम-कांशीराम, अब जोर से बोलो जय श्री राम

ABOUT THE AUTHOR

...view details