लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा शासनकाल के दौरान हुए चर्चित कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घोटाला मामले के अभियुक्त तत्कालीन एमडी, यूपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड हीरालाल यादव को भी राहत देने से इंकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है. न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड को देखकर प्रथम दृष्टया कहा जा सकता है कि अपराध हुआ है और विवेचना के लिए पर्याप्त आधार हैं.
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हीरालल यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिया. याचिका में उक्त भर्टी घोटाला के सम्बंध में एसआईटी थाने में आईपीसी की धारा 120बी, 471, 468, 467 व 420 के तहत 27 अक्टूबर 2020 को दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी. याची का कहना था कि प्रश्नगत चयन व भर्ती प्रक्रिया यूपी कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के प्रस्ताव के तहत हुई थी.