उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सेंसर बोर्ड में करें 'नमक इश्क का' की शिकायतः हाईकोर्ट

‘नमक इश्क का’ सीरियल के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर लखनऊ हाईकोर्ट बेंच ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कहा कि टीवी सीरियल पर आपत्ति होने पर याची सेंसर बोर्ड के समक्ष शिकायत पेश करे. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने कल्चरल क्वेस्ट नाम की गैर सरकारी संस्था की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया है.

lucknow high court bench
लखनऊ हाईकोर्ट.

By

Published : Jan 6, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 8:54 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ‘नमक इश्क का’ सीरियल के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर याची एनजीओ को सेंसर बोर्ड के समक्ष शिकायत पेश करने को कहा है. याचिका सीधे हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल करने के कारण न्यायालय ने फिलहाल अपनी ओर से कोई आदेश देने से इंकार कर दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने कल्चरल क्वेस्ट नाम की गैर सरकारी संस्था की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया है.

याचिका में कहा गया था कि उक्त टीवी सीरियल सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के प्रावधानों का उल्लंघन है. याची का कहना था कि एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक एक टीवी सीरियल भी एक फिल्म ही है. लिहाजा वह भी सेंसर बोर्ड द्वारा सेंसर अधिकार के प्रयोग के अधीन है. याची का सीरियल के कंटेंट के विषय में कहना था कि उक्त सीरियल नाचने वाली लड़कियों से शादी करने पर एक सामाजिक प्रश्न चिन्ह लगा रहा है जो ऐसी लड़कियों के सम्मान पर ठेस पहुंचाने वाला है.

याची की ओर से दलील दी गई कि नाचना एक कला है, लेकिन उक्त टीवी सीरियल में इसे किसी शर्मनाक कृत्य की तरह पेश किया गया है, जिससे समाज में गलत संदेश जा रहा है. हालांकि न्यायालय ने पाया कि याची ने सक्षम प्राधिकारी के समक्ष शिकायत न करके सीधा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है. लिहाजा न्यायालय ने फिलहाल कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया. वहीं याची को सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत रखने के लिए स्वतंत्र किया है.

Last Updated : Jan 6, 2021, 8:54 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details