लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर तथा तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम के खिलाफ आरोप तय कर दिया. कोर्ट ने इसके साथ ही इस मामले के दो अन्य अभियुक्तों नौशाद अली और अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आरोप तय करते हुए अभियोजन को 20 मार्च को अपना गवाह पेश करने का आदेश दिया है. सोमवार को यह सभी अभियुक्त अदालत में उपस्थित थे.
नसीमुद्दीन, राजभर और मेवालाल पर पॉक्सो के तहत आरोप तय - मेवालाल गौतम
एमपी-एमएलए कोर्ट ने बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम के खिलाफ अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल करने पर आरोप तय कर दिया है. इन पर आरोप है कि एक भाजपा नेता के परिवार कि महिलाओें के लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया था.
12 जनवरी 2018 को इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 और पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इस मामले में 22 जुलाई 2016 को नामजद एफआईआर भाजपा नेता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी.
इसके मुताबिक 20 जुलाई 2016 को बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू और नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी और अपशब्द कहे. इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित आंबेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र को गालियां दी. साथ ही अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय संघर्ष भड़काते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया. उनके पुत्र की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए थे.