लखनऊ: 'ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट' का शुभारंभ इस साल दीपावली के अवसर पर होगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को प्राधिकरण भवन में हुई समीक्षा बैठक में परियोजना के शुभारंभ की तारीख पर मोहर लगाई गई. इसके तहत आईआईएम रोड पर दाएं तटबंध पर प्रस्तावित फोरलेन सड़क और समतामूलक चौराहे पर फ्लाईओवर का काम शुरू किया जाएगा. उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना से संबंधित सभी कार्य का समयबद्ध क्रियांवयन करें. इस बैठक में एलडीए सचिव पवन गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह, अधीक्षण अभियंता अवधेश कुमार तिवारी और आर्किटेक्ट अनुपम मित्तल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक में प्रोजेक्ट इम्प्लीमेशन यूनिट के सदस्य अनिल कुमार सिंह सेंगर ने बताया कि 'लखनऊ ग्रीन काॅरीडोर प्रोजेक्ट' को 04 पार्ट में विभाजित किया गया है. इसके अंतर्गत आईआईएम रोड से हार्डिंग ब्रिज तक लगभग 07 किमी नदी के दोनों तरफ, जिसकी ड्राफ्ट डीपीआर दिनांक एक अगस्त तक और फाइनल डीपीआर दिनांक 15 अगस्त तक मेसर्स टाटा कन्सल्टेन्सी इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. पार्ट-2 के अंतर्गत 06 स्थानों पर एलीवेटेड फ्लाईओवर प्रस्तावित किये गये हैं, जिनके डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही भी साथ-साथ कन्सल्टेन्ट द्वारा की जा रही है.
इसी तरह गोमती नदी के दाएं तटबंध पर पिपराघाट से शहीद पथ तक बंधे के निर्माण करते हुए 4-लेन सड़क का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया है. इस पार्ट में आर्मी लैंड आ रही है. अतः आर्मी के साथ अतिशीघ्र बैठक प्रस्तावित की जाए और भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही भी शीघ्र करने के निर्देश दिए गए हैं. शहीद पथ से किसान पथ तक गोमती नदी के दोनों तटबंधों (बाएं एवं दाएं) पर बंधा निर्माण करते हुए 4-लेन सड़क का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया है.
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यह भी निर्देश दिए गए कि प्रस्तावित काॅरिडोर के आस-पास कमर्शियल पॉकेट्स डेवलप किए जाने हेतु भूमि का चिन्हांकन भी कर लिया जाए, जिसके विकास को डीपीआर में भी सम्मिलित किया जाए, जिससे होने वाली आय से ग्रीन काॅरिडोर प्रोजेक्ट को वित्तीय रूप से फीजिबल बनाया जा सकेगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने जनहित में एक और बड़ा फैसला लिया है. आवंटियों को भविष्य में किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए उन्होंने सम्पत्तियों की रजिस्ट्री/लीज डीड पर हस्ताक्षर के लिए सक्षम स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है. इसके तहत अब प्राधिकरण की सम्पत्तियों के विक्रय विलेख व लीज डीड पर संबंधित योजना के विशेष कार्याधिकारी व नजूल अधिकारी के द्वारा ही हस्ताक्षर किया जाएगा. इससे न सिर्फ रजिस्ट्री की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी बल्कि विक्रय विलेखों के निस्तारण में होने वाली त्रुटियों का निराकरण किया जा सकेगा.
वहीं एलडीए की ट्रांसपोर्ट नगर योजना में पांच प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया है. इन सभी भूखंडों की कीमत करीब आठ करोड़ रुपये है. अभी तक की जांच में सामने आया है कि आठ में से दो की रजिस्ट्री बिना पैसा के ही कर दी गई तो तीन भूखंडों में आवंटन पत्र सहित सभी दस्तावेज फर्जी मिले हैं. इससे पहले कई भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री सामने आ चुकी है. एफआईआर कराने के बाद भी किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है.
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ट्रांसपोर्ट नगर योजना में पहले ही चार भूखंडों के फर्जी रजिस्ट्री का मामला पकड़ा गया था. अब एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने पांच नए मामले पकड़े हैं. इन भूखंडों की लेखा विभाग से जांच के बाद अब रजिस्ट्रार कार्यालय से जांच कराई जा रही है. ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंड संख्या जी-129 और एफ-361 की रजिस्ट्री सुमन चौधरी के नाम से हुई है, जबकि एफ-433 नंबर के भूखंड की रजिस्ट्री कुलदीप के नाम हुई है. एफ-362 नंबर के भूखंड की रजिस्ट्री मुकेश चौधरी और एफ-181 नंबर के भूखंड की रजिस्ट्री गुरुदीप सिंह के नाम है.
एलडीए में जांच के बाद अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा इनकी जांच रजिस्ट्रार कार्यालय से करा रहे हैं. इससे पहले एलडीए ने पांच जुलाई को भूखंड संख्या एफ-344 की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में मीता तिवारी और मंदीप चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. फर्जी रजिस्ट्री कराने के मामले में एलडीए ने सरोजिनी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, लेकिन करीब चार महीने बीतने के बावजूद अभी तक पुलिस रैकेट संचालकों तक नहीं पहुंच पाई है.