लखनऊ: गुरुवार को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम के लिए जनपद की समस्त निजी लैब के पदाधिकारियों के साथ जूम ऐप के माध्यम से बैठक की. बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना की टेस्टिंग के लिए अधिकृत की गई लैबों के द्वारा टेस्ट किए गए लोगों का विवरण पोर्टल पर ससमय अपलोड किया जाए. उन्होंने बताया कि मरीजों की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर पोर्टल पर दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए. रोजाना यह देखा जा रहा है कि समस्त लैबों के द्वारा केवल धनात्मक आए व्यक्तियों का ही डेटा पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, जोकि गलत है. पॉजिटिव व्यक्तियों के साथ-साथ निगेटिव आए हुए व्यक्तियों का भी डेटा दर्ज कराया जाए. साथ ही सभी लैब टेस्टिंग करने की समय सीमा भी तय करें.
गाइडलाइंस का अनुपालन करना होगा अनिवार्य
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कोविड जांच कराने आए मरीजों का सही सही विवरण पोर्टल पर दर्ज किया जाए. विवरण दर्ज करने से पहले मरीज के मोबाइल नंबर और पते का सत्यापन करने के पश्चात ही उसको पोर्टल पर दर्ज किया जाए. ताकि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीजों की ट्रेसिंग की जा सके. बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि उच्च पॉजिटिविटी वाले सभी मरीजों के बारे में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना उपलब्ध कराई जाए, ताकि दूसरे राज्यों से आने वाले पॉजिटिव रोगियों के कांटेक्ट की तत्काल ट्रेसिंग की जा सके. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि समस्त लैबों को ICMR द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का अनुपालन करना अनिवार्य होगा. यदि कहीं भी गाइडलाइंस का अनुपालन होता नहीं पाया गया तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त लैबों को निर्देश दिया कि कोविड टेस्ट कराने आने वाले मरीजों की 15 दिन की ट्रेवेल हिस्ट्री अनिवार्य रूप से लेना सुनिश्चित किया जाए. कोविड टेस्ट के लिए मरीजों से किसी भी प्रकार की ओवरचार्जिंग नहीं की जाए. शासन द्वारा निर्धारित धनराशि ही मरीजों से ली जाए. साथ ही निर्देश दिया कि सभी टेस्टिंग लैब अपनी अधिकतम जांच क्षमता का आंकलन करना सुनिश्चित कर लें. बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी, एडी सीएमओ एमके सिंह, निजी लैबों के पदाधिकारियों व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.