लखनऊ :कुकरेल रिवरफ्रंट के लिए अकबरनगर के अवैध कब्जेदारों को 22 जनवरी तक हाईकोर्ट से राहत जरूर मिली है, मगर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उनको विस्थापित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. विकास प्राधिकरण के प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों के आवंटन में पात्र विस्थापितों को प्रथम वरीयता दी जा रही है. इसके अलावा महज पांच हजार रुपये पंजीकरण धनराशि जमा करने पर हायर परचेज एग्रीमेंट के तहत भवन का कब्जा देने का दावा किया जा रहा है. शेष धनराशि 10 साल की आसान किस्तों में देनी होगी.
उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शारदानगर एवं बसन्तकुंज योजना में निर्मित किए गए भवनों में से जो भवन रिक्त हैं, उन्हें भविष्य में कुकरैल नदी से हटाए गए विस्थापितों के लिए आरक्षित/आवंटित किया जाएगा. बसन्तकुंज योजना के सेक्टर-आई में निर्माणाधीन 3792 भवनों के आवंटन में भी विस्थापितों को प्रथम वरीयता दी जाएगी. इसके बाद जो भवन रिक्त बचेंगे, उन्हें पंजीकरण कराने वाले सामान्य आवेदकों के मध्य लाॅटरी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा. व्यावसायिक श्रेणी के विस्थापित प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में रिक्त व्यावसायिक दुकानों को मात्र 15 प्रतिशत धनराशि के अग्रिम भुगतान पर हायर परचेज एग्रीमेंट के तहत प्राप्त कर सकेंगे. शेष धनराशि किस्तों में देनी होगी. इसके अलावा अवैध भवनों व बहुमंजिला इमारतों के ध्वस्तीकरण के पश्चात या किसी प्राकृतिक आपदा से आवासविहीन हो रहे लोग तथा अन्य विस्थापित जो ‘पहले आओ-पहले पाओ’ योजना के अन्तर्गत फ्लैट लेना चाहते हैं, उन्हें पांच प्रतिशत पंजीकरण एवं आवंटन के पश्चात 10 प्रतिशत धनराशि जमा कराकर हायर परचेज एग्रीमेंट के आधार पर फ्लैट का कब्जा दिया जाएगा. शेष धनराशि किस्तों में देनी होगी.
सामान्य आवंटियों को 25 प्रतिशत भुगतान पर कब्जा : सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पूर्व में भवन आवंटित कराने वाले लोगों को भी प्राधिकरण बोर्ड द्वारा सौगात दी गई है. अभी तक आवंटियों को सम्पूर्ण धनराशि जमा कराने के पश्चात ही आवास का कब्जा दिए जाने का प्राविधान था. ऐसे में कई आवंटी पैसा नहीं जमा करा पा रहे थे, जिससे भवन रिक्त पड़े थे और उनके जर्जर होने का खतरा था. अब इसमें छूट देते हुए ऐसे आवंटियों को 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराने पर ही अनुबन्ध के आधार पर भवन का कब्जा दे दिया जाएगा तथा शेष धनराशि सात वर्ष की मासिक किस्तों में ली जाएगी.