लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में लोग सिर्फ रोजगार की ही तलाश में नहीं, बल्कि चोर भी अपनी संभावनाएं तलाशने पहुंच रहे हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजधानी में अधिकतर घटनाएं 11 जिलों के तीन हजार से अधिक अपराधियों ने आकर दी हैं. हालांकि इससे अधिक संख्या लखनऊ के ही रहने वाले चोर और लुटेरों की है, लेकिन इनके द्वारा की गई वारदातों की संख्या बाहरी चोरों के द्वारा को गई चोरी समेत अन्य अपराधों से कम है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजधानी में लोकल अपराधियों को बाहरी चोर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. बहरहाल जो भी हो पुलिस के लिए यह चोर सिरदर्द बने हुए हैं.
आंकड़ों पर एक नजर
राजधानी के रहने वाले 5745 अपराधी वारदातों को देते हैं अंजाम. इनमें 2814 चोर, 1547 वाहन चोर, 1313 लुटेरे, 71 डकैत हैं. सुल्तानपुर, फतेहपुर, अमेठी समेत 11 जिलों के 3380 अपराधी राजधानी में लोकल अपराधियों और पुलिस को दे रहे चुनौती. इनमें 1475 वाहन चोर, 1123 चोर, 654 लुटेरे और 128 डकैत शामिल हैं. कुल अपराधियों की संख्या 9125 है. जिनमें 5745 लखनऊ और 3380 बाहरी जेलों के अपराधी हैं.