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Crime Story : लखनऊ में हर रोज सात महिलाएं हो रहीं दुष्कर्म, छेड़छाड़ और दहेज हिंसा की शिकार

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Published : Jul 4, 2023, 2:42 PM IST

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस के तमाम दावों के बावजूद राजधानी लखनऊ में प्रतिदिन सात महिलाएं प्रताड़ना का शिकार हो रही हैं. ऐसे आंकड़े एनसीआरबी की रिपोर्ट से सामने आए हैं. हालांकि यह वे मामले हैं जो पुलिस थानों में दर्ज किए गए.

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लखनऊ :उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हर रोज सात महिलाएं रेप, दहेज हत्या, छेड़छाड़ और दहेज हिंसा का शिकार हो रही हैं. ये मामले वह हैं जो थानों में दर्ज किए जा रहे हैं. असल में इनकी संख्या अधिक हो सकती है. ऐसे में राजधानी की पुलिस अब महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के निस्तारण में तेजी लाने का दावा कर रही है. ताकि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके.

एनसीआरबी की रिपोर्ट.


लखनऊ में बीते 16 माह में तीन हजार 290 ऐसे मामले पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं जो महिलाएं के खिलाफ अपराध घटित हुए हैं. इनमें पॉक्सो एक्ट, बलात्कार, दहेज हिंसा, दहेज हत्या, छेड़छाड़, तेजाब फेंकना और लड़की को बहलाकर भगा ले जाने के मामले हैं. इन 16 महीनों में सबसे अधिक दहेज हिंसा, दूसरे स्थान पर पॉक्सो और तीसरे स्थान पर बच्चियों को बहलाकर ले जाने के मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि इन मामलों को दर्ज कर जांच करने राजधानी पुलिस तेजी भी दिखा रही है.

एनसीआरबी की रिपोर्ट.
जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की होती है कोशिश : DCP डीसीपी महिला अपराध श्रवण कुमार सिंह के मुताबिक पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए जल्द से जल्द विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जा रही है. उन्होंने बताया कि लगभग 56 प्रतिशत मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. जिसमें दहेज प्रथा के 692 और पॉक्सो के 462 केस शामिल हैं. हालांकि सबसे कम चार्जशीट बहलाकर बच्चियों को ले जाने के मामले में दाखिल हुई है. इन मामलों की विवेचना और चार्जशीट में काफी समय लगता है. इसकी वजह दोनों पक्षों में सबूत न मिलना और आपसी समझौता के लेटलतीफी है.महिलाओं को न्याय दिलाने में योगी सरकार ला रही तेजी राजधानी में भले ही तेजी से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हों, लेकिन योगी सरकार इनके निस्तारण में भी तेजी ला रही है. एनसीआरबी 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने में भी यूपी अव्वल रहा है. वर्ष 2021 में देश में कुल 22 हजार 874 केस में आरोपियों को सजा दिलाई गई है. यूपी में सबसे अधिक सात हजार 713 केस में सजा दिलाई गई थी. चार हजार 180 केस में सजा दिलाने के साथ राजस्थान दूसरे व चार हजार 57 केस के साथ एमपी तीसरे स्थान पर रहा है. एनसीआरबी की 2021 रिपोर्ट के मुताबिक यूपी का महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में 16वां, बच्चों के खिलाफ हुए अपराध में 28वां स्थान है.




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