लखनऊ: कैंट विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मायने रखती है. इस सीट से डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की विधायक थीं. साथ ही वह योगी सरकार में मंत्री भी रहीं. इस बार के लोकसभा चुनाव में वह इलाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुई हैं. वहीं अब इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है.
- कैंट सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा था.
- स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने जब इस सीट से दावेदारी ठोकी, तबसे कैंट विधानसभा सीट 2007 तक लगातार पांच बार भाजपा के हिस्से में आती रही.
- 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट विधानसभा सीट से जीच हासिल की.
- 2017 में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
- इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
- 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें इलाहाबाद से प्रत्याशी बनाया और वह वहां से जीत हासिल कर सांसद बनी हैं.
- लिहाजा, कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई है.
- अब विधानसभा उपचुनाव के लिए यह सीट फिर प्रत्याशी का इंतजार कर रही है.
- कांग्रेस इस सीट को फिर से अपनाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है.