लखनऊ :उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) का परिणाम बुधवार की देर शाम जारी कर दिया गया. इसमें लखनऊ के कई होनहारों ने बाजी मारी है.
एक साल की मेहनत रंग लाई : रूपाली तिवारी
यूपीपीएससी की पीसीएस-जे परीक्षा में 143वीं रैंक हासिल करने वाली रूपाली तिवारी ने बताया कि 'उन्होंने 2022 में ही लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी ऑनर्स पूरा किया है. इसके बाद निजी कोचिंग ज्वाइन करके तैयारी की और सफलता हासिल की. इसके पहले स्कूलिंग बाल निकुंज इंटर काॅलेज से की है. एक साल पहले ही पीसीएस-जे की तैयारी शुरू की थी. इनके पिता कमलेश कुमार तिवारी व्यवसायी थे, लेकिन उनका निधन 2017 में हो चुका है. मां शांति तिवारी गृहिणी हैं.
दादा के सहयोग से पाई सफलता : प्रज्ञा पांडेय
यूपीपीएससी की पीसीएस-जे परीक्षा में 162वीं रैंक हासिल करने वाली प्रज्ञा पाण्डेय ने बताया कि उनकी स्कूलिंग आरएलबी से हुई है. इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए 2018 में पूरा किया और एलएलबी त्रिवर्षीय 2021 में पूरा किया है. इन्होंने 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में लॉ रिसर्च के रूप में ज्वाइन किया है, अभी वहां पर कार्यरत है. इन्होंने बताया कि दोस्तों के सहयोग से यह सफलता हासिल की है. इनके पिता त्रिवेणी प्रसाद पांडेय प्रयागराज में किसान है और माता कुसुम पांडेय गृहिणी है. इन्होंने बताया कि लखनऊ में अपने दादा राधेश्याम पांडेय के पास रहकर पढ़ाई की है. वह सचिवालय से संयुक्त सचिव पद से रिटायर हुए थे और हाल ही में उनका निधन हो गया है.
माता-पिता का सपना पूरा कर बनी जज : शर्मिष्ठा साहू
यूपीपीएससी की पीसीएस-जे परीक्षा में 169वीं रैंक हासिल करने वाली शर्मिष्ठा साहू ने बताया कि वह लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलएम कर रही है. उनकी स्कूलिंग एलपीएस से हुई है. उन्होंने एलएलबी निजी विश्वविद्यालय से किया था. उन्होंने स्वाध्याय करने के साथ कोचिंग से पढ़ाई की है. उन्होंने बताया कि उनके पिता मनोज कुमार साहू हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच और सिविल कोर्ट में वकील है और इनकी मां एकता साहू गृहिणी है. उनके माता-पिता ने ही उनके जज बनने का सपना देखा, जिसको आज उन्होंने पूरा कर दिया है.
पिताजी का सपना पूरा किया : कमलकांत तिवारी
पीसीएस जे में 28वीं रैंक लाने वाले कमलकांत तिवारी ने बताया कि 'मेरे पिता शैलेश कुमार तिवारी का सपना था कि घर में कोई जज हो. उनका सपना पूरा करने के लिए मैंने लॉ की पढ़ाई की और इस विषय में प्रवेश लिया. साथ ही कोचिंग भी शुरू कर दी, वहां के टीचर डॉ. टीआर सिंह मेरे सबसे अच्छे मेंटर बने. आज मैं जो भी हूं उन्हीं की वजह से हूं. उन्होंने ही मुझे तैयारी कराई और लॉ की बारीकियों के बारे में बताया. जिसकी वजह से आज सफलता हासिल कर सका हूं. इस साल एपीओ में मेरी दसवीं रैंक आई थी अब ज्यूडिशियरी में सिलेक्शन हो गया है.'
सफलता का पूरा श्रेय मेरे पिता को जाता है : वंशिका श्रीवास्तव