लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अहिमामऊ में नहर से लगी हुई सिंचाई विभाग की जमीन पर अंसल प्रॉपर्टीज द्वारा कथित अवैध कब्जे के मामले में सीबीआई को जांच व विवेचना की पूरी स्वतन्त्रता दी है. न्यायालय ने कहा है कि सीबीआई को जांच/विवेचना के लिए किसी भी प्राधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. वहीं सिंचाई विभाग की ओर से हलफ़नामा दाखिल कर न्यायालय को बताया गया कि अंसल पर 34 लाख 73 हजार 985 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जिसे उसने जमा कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने भरत किशोर सिन्हा की ओर से दाखिल एक सेवा सम्बंधी याचिका पर लिए गए संज्ञान में दिया है. उल्लेखनीय है कि मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया था कि अहिमामऊ माइनर से लगी हुई सिंचाई विभाग की जमीन अंसल के कब्जे में है. बाद में इस जमीन का एक हिस्सा सीएमएस को स्थानांतरित हो गया. न्यायालय ने पाया कि 7 नवम्बर 2007 को एलडीए के तत्कालीन सचिव ने पत्र लिखकर उक्त जमीन को प्राइवेट बिल्डर को हस्तांतरित किए जाने की आवश्यकता जताई थी.