लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के सामने एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम महिला 21 साल से ज्यादा समय तक खुद को एससी वर्ग का बताकर न सिर्फ नौकरी करती रही, बल्कि प्रधानाचार्य के पद पर प्रोन्नति भी प्राप्त कर लिया. मामला संज्ञान में आने के बाद उसे बर्खास्त किया गया है. वहीं बर्खास्तगी आदेश को चुनौती दने वाली उसकी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
ये आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने मुन्नी रानी की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया है. याचिका में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, हरदोई के 2 जुलाई 2021 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें याची की सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था. साथ ही उसकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया था. मामले की सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने याची के सर्विस रिकॉर्ड को भी तलब किया था.