लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीएए विरोधी प्रर्दशनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के एक आरोपी के खिलाफ जारी रिकवरी नोटिस को रद्द किए जाने से इनकार कर दिया है. न्यायालय ने सोमवार को याचिका खारिज करते हुए कहा कि चूंकि मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान ले रखा है, लिहाजा यहां सुनवाई का औचित्य नहीं है.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने मोहम्मद कलीम की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया गया. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह भी पाया कि अभी याची को मात्र कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसका उसने जवाब भी दे दिया है.