लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक टैक्स मामले की सुनवाई करते हुए इस तथ्य पर संज्ञान लिया है कि इंदिरा नगर स्थित शेखर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. एके सचान केजीएमयू के प्रोफेसर भी हैं. न्यायालय ने कहा कि यह अचंभित कर देने वाला तथ्य है कि एक व्यक्ति स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है. साथ ही वह एक प्राइवेट संस्थान का निदेशक भी है.
न्यायालय ने बुधवार को कहा कि इसके बावजूद उसके खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि उसके व्यक्तिगत खातों में आयकर विभाग को बड़े मात्रा में धन भी मिल चुका है. न्यायालय ने आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में हम गंभीर रुख अपनाते हुए राज्य सरकार और सम्बंधित विश्वविद्यालय से आशा करते हैं कि वे ऐसे मामलों की जांच करेंगे. इसके अलावा ऐसे सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. जो प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. साथ ही प्राइवेट कंपनियों में मुनाफा भी कमा रहे हैं. उनमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं. न्यायालय ने अपने निर्णय की प्रति प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा व केजीएमयू के कुलपति को भेजने के आदेश भी दिए हैं.