लखनऊ:प्रदेश में मेडिकल आंकोलॉजिस्ट की भारी कमी दिखाई दे रही है. ऐसे में संस्थानों में चिकित्सकों का टोटा है. कैंसर संस्थान में इकलौते डॉक्टर डॉईशा जफा ने भी इस्तीफा दिया है. ऐसे में मेडिकल आंकोलॉजी विभाग बंद हो गया.
कैंसर संस्थान में मेडिकल आंकोलॉजी विभाग में इकलौती डॉ. ईशा जफा थीं. अब जफा ने भी इस्तीफा दे दिया. दरअसल, उन्होंने केजीएमयू ज्वॉइन कर लिया. ऐसे में कैंसर संस्थान में मेडिकल आंकोलॉजी विभाग भी बंद हो गया. वहीं केजीएमयू में अगले सप्ताह से नए विभाग को ओपीडी शुरू हो जाएगी. संस्थान के निदेशक डॉ. शालीन कुमार ने कहा कि जल्द ही मेडिकल आंकोलॉजिस्ट की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करेंग. नए डॉक्टर की भर्ती की जाएगी. तब तक दूसरे विभाग में मरीज देखे जा रहे हैं.
केजीएमयू में 5 वर्ष वाद कैंसर रोगियों को मिलेगी राहत
केजीएमयू में वर्षों से बंद मेडिकल अंकोलॉजी विभाग शुरू होगा है. यहां एक डॉक्टर की तैनाती हो गई है. ऐसे में कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी. अब यहां तीनों विधियों से कैंसर का उपचार संभव हो सकेगा. बता दें, केजीएमयू में शिक्षकों की भर्ती चल रही है. मेडिकल दंत संकाय में बारी-बारी से नियुक्ति होनी है. 43 विभागों में से 20 विभागों के डॉक्टरों के साक्षात्कार हो चुके हैं. मेडिकल आंकोलॉजी विभाग में एक डॉ. ईशा जफा की तैनाती की गई है. उन्होंने ज्वाइंनिंग कर लिया. ऐसे में अब केजीएमयू में सर्जिकल आंकोलॉजी, रेडिएशन आंकोलॉजी के साथ-साथ मेडिकल आंकोलॉजी में भी मरीज दिखा सकेंगे. यानी कि संस्थान में ऑपरेशन, रेडिएशन व कीमोथेरेपी तीनों विधियों से कैंसर का इलाज मुमकिन होगा.
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