लखनऊ:राजधानी के अलाया अपार्टमेंट हादसे में अब तक पुलिस 2 आरोपियों नवाजिश मंजूर और मोहमद तारिक की गिरफ्तारी कर चुकी है. वहीं, याजदान बिल्डर के मालिक की तलाश जारी है. इस बीच याजदान बिल्डर के मालिक फहद याजदानी का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें वो खुद को बेकसूर बताते हुए अपनी सफाई दे रहा है. उसने कहा है कि इस घटना में मुझे बदनाम करने और माननीय मुख्यमंत्री को भ्रमित करने की साजिश रची जा रही है.
Alaya Apartment Incident: आरोपी बिल्डर याजदानी ने जारी किया वीडियो, कहा- मुझे बदनाम व CM को भ्रमित करने की साजिश - Alaya Apartment Incident
राजधानी के अलाया अपार्टमेंट हादसे ( Lucknow Alaya Apartment Incident) में दो आरपियों कि गिरफ्तारी के बाद याजदान बिल्डर के मालिक फहद याजदानी ने एक वीडियो जारी कर अपने को बेकसूर बताया है. जिसमें कहा है कि मुझे बदनाम करने और माननीय मुख्यमंत्री को भ्रमित करने की साजिश की गई है.
फहद याजदनी ने वीडियों में कहा कि मंगलवार को अपार्टमेंट ढहने की घटना के 2 दिन बाद सबकी बातें सुनने के बाद वह अपना बयान लोगों के सामने जाहिर कर रहें हैं. फहद ने जारी वीडियो में कहा है कि 'इस बिल्डिंग से यजदान बिल्डर का कोई लेना देना नहीं रहा है. मंजूर और तारिक ने ही फ्लैट बेचकर उसकी रजिस्ट्री किये हैं. पार्किंग में कैमरे लगे थे. मेरी सभी अफसरों से गुजारिश है कि वह मलबे से कैमरे निकाल कर देखें कि उस बिल्डिंग में ड्रिलिंग का जो काम हो रहा था. वह काम खुद शाहिद मंजूर खड़े होकर करवा रहे थे. जिसको लेकर बिल्डिंग में रहने वाले लोगों से शाहिद मंजूर की तीखी नोकझोंक और बहस भी हुई थी. लोगों ने रोका लेकिन पता नहीं क्यों शाहिद मंजूर खुदाई काम को नहीं रोका.'
मैंने सिर्फ फ्लैट बिकवाए:फहद वीडियो में कह रहे हैं कि 'नवाजिश अपने आप को बचाने के लिए इसकी सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर डाल रहे हैं. जबकि मेरा इस बिल्डिंग से कभी कोई लेना-देना नहीं है. मैंने सिर्फ शाहिद मंजूर से ताल्लुक के चलते जब यह बिल्डिंग 2009 और 2010 में बन रही थी, तो मैंने इनके कहने पर 3 फ्लैट उस बिल्डिंग के बिकवाए थे. जिसका कमीशन मुझे मिला था, बाकी मेरा कोई मतलब नहीं था. जो लोग कह रहे हैं कि बिल्डर एग्रीमेंट मेरे नाम था. बिल्डर एग्रीमेंट को मांगा जाए कि कौन सा बिल्डर एग्रीमेंट था. अगर एग्रीमेंट फहद यजदानी के नाम होगा तो वह जेल जाने को तैयार हैं.'
वीडियो में यजदानी ने कहा है कि 'यह बिल्डिंग 2010 और 2011 में बनी थी. जबकि यजदान बिल्डर की फर्म 2012-13 में बनी है. हमारा इंवॉल्वमेंट कैसे हो जाएगा. सभी फहद यजदानी के पीछे पड़ गये हैं. फहद यजदानी की बिल्डिंग प्राग नारायण रोड पर थी. जिसे एलडीए ने तोड़ दिया. मेरी सभी से गुजारिश है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए. अगर 10 दिन में कोर्ट से राहत नहीं मिली, तो वह खुद सरेंडर कर देगा.'
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