लखनऊ :कभी जनपद के ग्रामीण अंचलों में बहने वाली व वर्तमान में विलुप्त हो चुकी रेठ नदी को लखनऊ प्रशासन ने फिर से जीवित करने की कवायद शुरू कर दी है. इस कड़ी में लखनऊ के बक्शी का तालाब विकास खंड में प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्य शुरू कर दिया है. इसके तहत नदी के उद्गम स्थल से लेकर आखिरी छोर तक काम किया जाना है.
नदी का तैयार किया गया नक्शा
विलुप्त प्राय रेठ नदी का ज्यादातर हिस्सा लखनऊ के बक्शी का तालाब इलाके में आता है. इसके तहत वहां की खंड विकास अधिकारी और उपजिलाधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर विशेष भूमिका में हैं. कहा जाए तो इनकी पहल से ही इस परियोजना की शुरुआत हो सकी है. खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह ने नदी के उद्गम स्थल से लेकर लखनऊ के अंतिम छोर तक इसका निरीक्षण किया. इसका नक्शा भी तैयार करवाया है. इसके बाद अब स्थलीय पैमाइश करवाई जा रही है. इसमें तहसील प्रशासन का भी पूरा सहयोगा लिया जा रहा है.
लखनऊ के इन ग्रामों से होकर गुजरती है रेठ नदी
विलुप्त हो चुकी रेठ नदी का ज्यादातर हिस्सा लखनऊ के बक्शी का तालाब विकास खंड के अंतर्गत पड़ने वाले ग्रामों से होकर गुजरता है. इसमें कई गांव शामिल हैं. मुख्य रूप से जिन गांवों के बीच से ये नदी निकलती थी, उनमें कुम्हरांवा, खजूरी, बाजपुर गंगौरा, सरांवा, इंदारा, करीमनगर जैसे आधा दर्जन से अधिक गांव शामिल हैं. इन गांवों से ये नदी प्रावाहित होते हुए बाराबंकी के निंदूरा ब्लॉक से गोमती नदी में प्रावाहित होती है. लखनऊ में इस नदी का 8 किलोमीटर का हिस्सा आता है.