लखनऊःउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 11 सूत्री मांगों को लेकर लुऑक्टा (लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ) ने गुरुवार से लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर की सरस्वती वाटिका के पास क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. इन 11 सूत्री मांगों में पुरानी पेंशन बहाली, अधिवर्ष आयु 65 वर्ष करने, अवकाश कटौती के लिए मनमानी तरह से जारी शासनादेश वापसी आदि शामिल है.
लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ ने 9 दिसंबर से मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया था. जिसमें कई जिलों की शिक्षक भी शामिल हुए थे. जिसमे काला फीता बांधकर शैक्षिक कार्य का निर्वहन, महाविद्यालय परिसर में कक्षाओं के बाद धरना और लुआक्टा का संयुक्त धरना लखनऊ विश्विद्यालय में आयोजित हो चुका है.
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लुऑक्टा के 11 सूत्रीय मांग
अनशन को लेकर लुऑक्टा के अध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि आज से विरोध का पांचवा चरण लखनऊ विश्विद्यालय सरस्वती वाटिका पर क्रमिक अनशन के साथ शुरू हुआ. इस दौरान लगातार शिक्षक अनशन में शामिल होते रहे. अनशन में संघ को समर्थन देने के लिए लगभग 200 शिक्षक आए. दरअसल, सरकार की तरफ से इकाना स्टेडियम में स्मार्ट फोन, लैपटॉप वितरण को लेकर शिक्षकों की भी जिम्मेदारी लगाई गई है. भारी संख्या में शिक्षकों की प्रशासनिक जिम्मेदारी में शामिल करने के बावजूद भी शिक्षकों ने आकर अनशन में समर्थन दिया.
लुऑक्टा कार्यकारिणी की 15 दिसंबर की बैठक के अनुसार निर्णय लिया गया था कि 22 दिसम्बर तक यदि सरकार के स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता तो आंदोलन के पांचवे चरण में दिनांक 23 और 24 दिसम्बर को विश्वविद्यालय परिसर सरस्वती वाटिका पर क्रमिक अनशन होगा. फिर भी यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो दिनांक 27 दिसम्बर से लखनऊ विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का बहिष्कार होगा.
अनशन में पूर्व लुआक्टा अध्यक्ष डॉक्टर संग्राम सिंह चौहान, डॉक्टर राजीव शुक्ला, डॉक्टर बृजेंद्र पांडे, डॉक्टर तिरमल सिंह, डॉक्टर विक्रम सिंह, डॉक्टर ज्योति काला, डॉक्टर दिलशाद अहमद अंसारी, लूटा अध्यक्ष डॉक्टर विनीत वर्मा एवं महामंत्री डॉक्टर राजेंद्र वर्मा आदि शामिल हुए. लुआक्टा ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील किया कि शिक्षकों की न्यायोचित मांगों को यथाशीघ्र पूरा करें नहीं तो परीक्षा बहिष्कार के कारण छात्रों को होने वाले नुकसान का उत्तरदायित्व सरकार की होगी.
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