हैदराबाद :भगवान शनिदेव और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन सर्वोत्तम माना गया है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से दुख और भय से राहत मिलती हैं. वहीं शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि जो इंसान आपकी आराधना करेगा, उसकी वह हमेशा रक्षा करेंगे.
इसी वजह से हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती हैं. शनिदेव कभी भी हनुमानजी के भक्तों को नुकसान नहीं पहुंचाते. ऐसे में हर शनिवार को हनुमान जी की पूजा शनिदेव को भी प्रसन्न करती है और जीवन में सफलता दिलाने वाली होती है. अगर मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही पूजन करें.
शनिवार को हनुमानजी ऐसे होंगे प्रसन्न, पढ़ें 9 खास बातें
1- शनिवार के दिन राम मंदिर में जाएं. हनुमान जी के मस्तक का सिंदूर दाहिने हाथ के अंगूठे से लेकर सीता माता के श्री चरणों में लगा दें. मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करें.
2 - शनिवार सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ पानी से धो लें. अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी के सामने रखें. इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें। अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें. साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा.
3- हनुमान जी की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन व्रत करके शाम के समय बूंदी का प्रसाद बांटने से भी पैसों की तंगी दूर हो जाती है.
4 - शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में जाएं. उनके कंधों पर से सिन्दूर लाकर अपने कलेजे पर लगाएं. नजर का प्रभाव समाप्त होगा और समृद्धि के द्वार खुलेंगे.
5- शनिवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं. हनुमान जी को खुश करने का यह सबसे सरल उपाय है.
6 - जीवन की समस्त समस्याओं के निवारण के लिए शनिवार शाम हनुमान जी के मंदिर में जाएं और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करें.
7- शनिवार शाम हनुमान मंदिर में जाएं. एक सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं. वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है.
8- शनिवार के दिन हनुमानजी के पैरों में फिटकरी रखें फिर जिन्हें बुरे सपने आते हों वे अपने सिरहाने इस फिटकरी को रखें. बुरे सपने नहीं आएंगे.
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9- यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना कर रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त में उठें, इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें. ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए. कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए. इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें. नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें. जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं. इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें. इस प्रकार यह उपाय करते रहें. कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे.
हनुमान जी और शनिदेव का शनिवार विशेष दिन
मान्यता है कि शनिवार को हनुमानजी की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती से होने वाली समस्याओं से पूरी तरह से राहत मिलती हैं. राम भक्त बजरंगबली की शनिवार को पूजा से शनि के हर प्रकार के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.
हनुमान जी की पूजा से सूर्य-मंगल के अवाला शनि की शत्रुता और योगों के कारण आई समस्याओं से भी राहत मिलती हैं. शनिवार का दिन दोनों ही भगवान का प्रिय दिन माना जाता है.
इस दिन शनिदेव और हनुमान जी की आराधना होती हैं. कई शनि मंदिरों में हनुमान जी भी शनिदेव के पास ही विराजमान होते हैं. दरअसल, कई भक्त शनिदेव की पूजा के साथ हनुमान जी की भी पूजा करते हैं.
जब शनिदेव को हनुमान जी ने कराया था मुक्त
सतयुग के समय हनुमान जी सीता माता को खोजते हुए लंका पहुंच गए. तब वहां एक कारागार में शनिदेव को उल्टा लटके हुए देखा. पवनपुत्र ने जब शनि से उल्टा लटकने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि रावण ने अपने योग बल से उन समेत कई ग्रहों को कैद कर लिया.
यह बात जानकर हनुमान जी ने शनि को रावण के योग बंधन से मुक्त कर दिया था. इससे प्रसन्न होकर शनिदेव ने हनुमान जी से वरदान मांगने को कहा. हनुमान जी ने वरदान में एक वचन मांगा कि कलियुग में हनुमान भक्तों को अशुभ फल नहीं देना होगा.
बजरंगबली ने शनि के कष्टों को दूर करके उनकी रक्षा की थी, इसलिए शनि ने यह वचन दिया कि कोई भी व्यक्ति शनिवार को हनुमान जी की पूजा करेगा, उसे वे कोप भाजन नहीं बनायेंगे. रामायण काल से शनिदेव की कृपा हनुमान जी के भक्तों पर बनी रहती हैं.