लखनऊः राजधानी के सहादतगंज इलाके में एक मोहल्ला लकड़मंडी है. मोहल्ले का नाम लकड़मंडी है लेकिन यह मोहल्ला मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी, खिलौने बनाने का हब माना जाता है. इस मोहल्ले में हर घर में मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाती हैं. लोगों के घरों में यह काम 40 सालों से ज्यादा समय से चलता आ रहा है और हर साल करोड़ों रुपये का व्यापार होता है.
मूर्तियों और खिलौने के खरीदार नहीं
कोरोना के चलते इस बार व्यापारियों में व्यापार को लेकर डर सता रहा है. व्यापारियों का कहना है कि माल बनकर तैयार है लेकिन खरीदने वाला कोई नहीं है. कारीगरों का कहना है कि इस बार ब्याज पर पैसा लेकर मूर्तियां बनाया था लेकिन मांग न होने के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है. लकड़मंडी मोहल्ले के हर घर में मूर्तियों के साथ-साथ दीया, ग्वालिन, उल्लू, चूहा, खरगोश, मोटू पतलू समेत कई मिट्टी के खिलौने बनाए जाते हैं. व्यापारियों की मानें तो कई खिलौने व मूर्तियां आगरा कोलकाता समेत कई शहरों से मंगाई भी जाती हैं. इस बार 50 रुपये से लेकर 10000 तक की मूर्ति बनाई गई हैं.
कोलकाता से भी आता है माल
व्यापारी महफूज अहमद बताते हैं कि मूर्तियां और खिलौने का कारोबार पिछले 25 वर्षों से कर रहे हैं. हमारे पास माल कोलकाता से भी बनकर आता है. यहां पर लोकल वाली मूर्तियां बनाई जाती हैं. इस साल हमारे पास 120 से लेकर 10000 रुपये कीमत तक की मूर्ति उपलब्ध हैं. कोरोना के कारण इस बार काम पर 20 फीसद असर पड़ा है. हमारे पास गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों के अलावा खिलौने भी बिकते हैं.