लखनऊ: प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ लोकायुक्त के पास पहुंची शिकायतों की जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. लोकायुक्त संजय मिश्रा ने शुक्रवार को प्रदेश के राज्यपाल को अपनी सालाना रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शिकायतों की लंबित जांच और विभिन्न मामलों में जांच की सिफारिश की जानकारी भी दी गई है.
लोकायुक्त संजय मिश्रा, उप लोकायुक्त शंभू सिंह यादव, मुख्य जांच अधिकारी राकेश कुमार, सचिव पंकज कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की. इन अधिकारियों ने उन्हें लोकायुक्त संगठन की सालाना रिपोर्ट पेश की. सचिव पंकज कुमार ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2018 में कुल 3915 शिकायतें मिली, जिसमें लंबित 882 शिकायतों को शामिल करने पर कुल संख्या 4797 हो गई.
जांच अधिकारियों ने की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस. उन्होंने रिपोर्ट में बताया है कि साल भर में कुल 3564 शिकायतों का निपटारा किया गया. 395 शिकायतों को लोकायुक्त प्रशासन के स्तर पर जांच के बाद निपटाया गया. इसके बावजूद अभी 1233 शिकायतें लंबित हैं, जिन पर जांच की कार्यवाही की जा रही है.
मुख्य जांच अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि जिन मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ जांच की जा रही है, उनमें कोई भी मौजूदा सरकार का मंत्री या विधायक नहीं है. इसके अलावा सबसे ज्यादा शिकायतें प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग से हैं, जहां विकासखंड स्तर और जिला स्तर पर विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों से जुड़े मामले की संख्या 25 फ़ीसदी तक है.