लखनऊ:उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष अजय राय के पदभार ग्रहण करने के करीब 3 महीने बाद प्रदेश की नई कार्यकारिणी की घोषणा शनिवार शाम को हो गई. लंबे समय से प्रदेश संगठन में जगह पाने का इंतजार कर रहे नेताओं को जहां थोड़ी खुशी मिली है तो वहीं कुछ नेताओं को मायूसी भी हाथ लगी.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पिछली प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा पूर्व अध्यक्ष अजय लालू के समय में हुई थी. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी ने उन्हें हटाकर दलित समाज के नेता बृजलाल खाबरी को प्रदेश की जिम्मेदारी दी. वे 11 महीने तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें हटाकर सितंबर में बनारस लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले अपने फायर ब्रांड नेता अजय राय को उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी थी.
3 महीने से था प्रदेश कार्य समिति का इंतजार
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नए अध्यक्ष बनने के 3 महीने बाद तक प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हो रही थी. इसको लेकर पूरे प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म था. पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर प्रदेश संगठन के लोगों को मीटिंग के लिए लखनऊ बुलाया जाता था तो उसमें काफी सदस्य आते ही नहीं थे. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछली बार अजय कुमार लालू के समय में 147 लोगों की प्रदेश कार्यकारिणी की सूची जारी की गई थी. अब अजय राय के समय में 130 लोगों की सूची जारी की गई है. हालांकि, प्रदेश के नेताओं की तरफ से करीब ढाई सौ से अधिक की प्रदेश कार्यकारिणी की लिस्ट दिल्ली भेजी गई थी. लेकिन, आला कमान ने इसमें कटौती करते हुए 130 लोगों की प्रदेश कार्यकारिणी की सूची पर सहमति दी. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी के वेणुगोपाल की ओर से जारी सूची में 16 लोगों को प्रदेश उपाध्यक्ष, 38 लोगों को महासचिव और 76 लोगों को सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सबसे अधिक ओबीसी चेहरे को दी गई जगह
2024 के लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाने में जुटी कांग्रेस की तरफ से प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में इसकी झलक साफ तौर पर देखने को मिल रही है. प्रदेश कार्यकारिणी की 130 सदस्यों की लिस्ट में पार्टी ने 34 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग के नेताओं को जगह दी है. इसके बाद पार्टी की ओर से 31 प्रतिशत जनरल वर्ग के नेताओं को कमेटी में जगह दी गई है. वहीं, 17 प्रतिशत अनुसूचित जाति व एक प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के नेताओं को कमेटी में जगह मिली है. जबकि, अल्पसंख्यक समाज की बात करें तो पार्टी ने 17 प्रतिशत अल्पसंख्यक समाज के नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी है.