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शाम-ए-अवध में घुली गजल की मिठास

राजधानी में चल रहे लोक कला महोत्सव के आखिरी दिन गजल नाइट हुई. इसके साथ ही विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया. कलाकारों की उपस्थितियों ने लोगों का मन मोह लिया.

शाम-ए-अवध.
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Published : Feb 22, 2021, 4:51 AM IST

लखनऊ: अलीगंज के पोस्टल ग्राउंड में चल रहे लोक कला महोत्सव के आखिरी दिन रविवार को गजल नाइट हुई. इसके साथ ही विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया. महोत्सव का आयोजन लोककला महोत्सव न्यास की ओर से किया गया.

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गायकों ने पेश की गजलें

गजल कलाकारों में शामिल सरबजीत सिंह, राहुल त्रिपाठी और अनंत ने 'अपनी तस्वीर को आंखों से लगाता क्या है', 'दिल धड़कने का सबब याद आया' जैसी गई गजलें सुनाकर महफिल को यादगार बनाया. जानकीपुरम्, सहारा स्टेट की भाव राग ताल डांस अकादमी के कलाकारों ने लिपिका बापुली के निर्देशन में मनभावन प्रस्तुतियां दीं. अन्वेशा श्रीवास्तव, शताक्षी गुप्ता और रिद्दिमा ने प्रभावी भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी. इप्शिता अरोड़ा की कथक प्रस्तुति के बाद उदितराज शंकर बैंड की जोशीली प्रस्तुति हुई.

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शाम को खुशनुमा बनाने में इन लोगों ने भी दिया योगदान

राहुल त्रिपाठी और दीपिका सिंह सूर्यवंशी की परिकल्पना और प्रगति सिंह के संयोजन व आयुषि रस्तोगी के संचालन में एक से बढ़कर एक गजलें सुनने को मिलीं. इसमें वाद्य यंत्रों पर श्याम, रंजीत और आकाश ने बेहतरीन संगत दी.

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समारोह में हुआ सम्मान

सम्मान समारोह में अव्वल नृत्य के लिए श्रीजाम्या को और श्रेष्ठ गायन के लिए सुनंदा को शील्ड दी गई. इस क्रम में किरन सहित अन्य को मेडल और प्रमाण पत्र वितरित किए गए. रविवार को अवकाश होने के कारण मेले में खासी भीड़ रही. लोगों ने जमकर खरीदारी की. बच्चों ने झूले और खानपान का लुत्फ भी उठाया.

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