लखनऊः राजधानी में मंगलवार को लोक संस्कृति शोध संस्थान ने 'लोक चौपाल' का आयोजन किया. इस दौरान ‘ऋतुराज वसंत, लोकमानस और वैलेंटाइन फैशन’ पर चर्चा हुई. इस दौरान वक्ताओं वैलेंटाइन को संस्कृति के लिए खतरा बताया. यह कार्यक्रम सचिवालय कॉलोनी क्लब में आयोजित किया गया. चौपाल की चौधराइन के रूप में संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव ने वसंत ऋतु और फाग के पारम्परिक स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने राग वसंत में गायन करके चौपाल का शुभारंभ किया.
सतरंगी गीत कार्यशाला का आयोजन
वरिष्ठ लोकगायिका आरती पांडेय के निर्देशन में हुई ऑनलाइन सतरंगी गीत कार्यशाला के प्रतिभागियों ने समवेत स्वर में दादरा गीत ननद फुलगेनवा के भरै पानी, कहरा गीत खाई के देबौं मैं ततली जिलेबिया, खेमटा गीत हमार कोई चुनरी रंगाने न वाला, नकटा गीत हिसाब मेरा लेते जाना जी, कान से सुनते जाना जी, पूर्वी गीत लाई के गवनवां कहवां गइले मोर सजनवां, बसन्त गीत गड़िगै बसन्त के ढाह बिना होरी खेलै न जाबै, चहका गीत अरे फागुन ऐसा सलोना सिपाही छोड़ो नोकरिया घर आओ तथा होरी गीत केसिया संभाल जुड़वा बांध ननदी होरिया खेलन को अइहैं ननदोइया की मनभावन प्रस्तुति दी.