लखनऊ: राजधानी के चौक स्थित मोहम्मद शारिक की खुदरा कपड़े की बड़ी दुकान है. इस दुकान से बनारस, इलाहाबाद, जयपुर और भोपाल तक कपड़ों की सप्लाई होती है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान कारोबार ठप रहने और अब थोड़ी सी छूट के बावजूद कपड़ा व्यापार में कोई बदलाव नज़र नहीं आ रहा है. बड़े-बड़े व्यापारी अभी माल नहीं ले रहे हैं. बाहर के लिए अभी ट्रांसपोर्टेशन भी नहीं हो पा रहा है. सामान्य ग्राहक दुकान पर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में नुकसान अभी भी हो ही रहा है. दुकान पर जो कर्मचारी हैं उन्हें वेतन देने में भी दिक्कतें आ रही हैं. किसी तरह आधा वेतन देकर काम चलाया जा रहा है. जब व्यापार पटरी पर लौट आएगा तब पूरा वेतन दे पाएंगे. शारिक बताते हैं कि अभी फिलहाल लॉकडाउन में छूट के बावजूद कपड़ा कारोबार में तेजी नहीं आई है. पहले की तुलना में अभी कारोबार जीरो है.
दुकानों पर नहीं पहुंच रहे ग्राहक
शहर में कपड़े की दुकानें तो पहले की तरह खुलने लगी हैं. लेकिन पहले की तरह कस्टमर अब गारमेंट शॉप पर खरीदारी के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. यह व्यापारियों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है. कोरोना अभी खत्म होने वाला नहीं है इसलिए व्यापारियों का कपड़ा व्यापार दिन-ब-दिन प्रभावित ही होता जा रहा है.
अमीनाबाद में चिकन के कपड़े का कारोबार करने वाली नीलम का कहना है कि पहले ठीक-ठाक बिक्री हो जाती थी, लेकिन कोरोना के कारण ग्राहक नहीं आ रहे हैं. बस दुकान खुलती है और बंद हो जाती है. ग्राहक घर से दुकान की तरफ कपड़ों की खरीदारी करने आ ही नहीं रहे हैं. गर्मी में ही चिकन कपड़ों का कारोबार होता है लेकिन इस बार कोरोना की वजह से खरीदारी ही नहीं हुई है.
कोरोना ने कारोबार किया चौपट
सभी कपड़ा दुकानदारों की तरह अमीनाबाद में नरेश का भी लेडीज कपड़ों की दुकान है. शादी के समय यहां पर खासकर महिलाएं अपने लिए कपड़ों की खरीदारी करने आती हैं. यहां पर पार्टी वियर कपड़े भी मौजूद हैं. लेकिन अब सिर्फ ये शोपीस बने हुए हैं. शादियों का सीजन कोरोना की भेंट चढ़ गया, इसलिए बिक्री का सवाल ही पैदा नहीं हुआ. अब लॉकडाउन में थोड़ी छूट भी मिली है लेकिन दुकान पर कोई भी कपड़ा खरीदने नहीं आ रहा है. नरेश बताते हैं कि कोरोना ने सारा कारोबार चौपट कर दिया है. यह समझ लीजिए कि पहले जहां 100 ग्राहक आते थे अब एक ग्राहक आ रहा है.