लखनऊ : आचार संहिता के दौरान एलएमआरसी ने लखनऊ मेट्रो की फेस वन के 23 किलोमीटर रूट के मेट्रो स्टेशन पर एक एजेंसी को मेट्रो का काम आवंटित किया है. कंपनी को काम देने से पहले किसी तरह की टेंडर प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया गया है. एजेंसी को पार्किग का काम देने के बाद से बाद से एलएमआरसी के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं.
एलएमआरसी ने लखनऊ मेट्रो के फेस वन नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के 23 किलोमीटर रूट के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा, केडी सिंह बाबू स्टेडियम , लेखराज, आईटी कॉलेज और विश्वविद्यालय के मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग का काम एक निजी एजेंसी को दिया है. जिस एजेंसी को यह काम दिया गया है उस एजेंसी के पास कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग का ठेका पहले से है.
आचार संहिता के दौरान बिना किसी विज्ञापन और जानकारी के गुपचुप तरीके से एजेंसी को मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग का काम दिए जाने को लेकर एलएमआरसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इन मेट्रो स्टेशनों पर बाकायदा पार्किंग के लिए यात्रियों से पैसे वसूले जा रहे हैं. पैसे लेने के साथ ही यात्रियों को एक पीले रंग की पर्ची भी दी जा रही है. जिस पर लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन छपा हुआ है. पर्ची पर लखनऊ मेट्रो का लोगो भी बना हुआ है.
गुपचुप तरीके से निजी कंपनी को दिए गए मेट्रो स्टेशनों के पार्किंग के ठेके
लखनऊ मेट्रो के नए रूट पर एलएमआरसी मेट्रो स्टेशनों के पार्किंग ठेके आचार संहिता के समय गुपचुप तरीके से एक निजी कंपनी को दे दिए हैं. वहीं इसको लेकर खड़े हो रहे सवाल पर अधिकारी चुप्पी साधे हैं.
मेट्रो स्टेशन पार्किंग का काम दिए जाने को लेकर एलएमआरसी के अधिकारियों से बातचीत की गई तो पहले तो कोई भी यह मानने को तैयार नहीं हुआ कि एजेंसी को मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग का काम दिया गया है. हालांकि नाम न बताने की शर्त पर एलएमआरसी के एक महत्वपूर्ण पद पर तैनात अधिकारी ने जानकारी दी की आचार संहिता के चलते टेंडर प्रक्रिया नहीं हो सकती थी. लिहाजा मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए टेंपरेरी तौर पर एजेंसी को पार्किंग का काम दिया गया है.
ऐसे में जब जानकारी लेने के लिए एलएमआरसी एमडी कुमार केशव के फोन नंबर पर कॉल की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. कुमार केशव को एसएमएस किया गया उसका भी जवाब नहीं मिला. मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग के ठेके को लेकर एलएमआरसी पीआरओ पुष्पा बेलानी से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी को पार्किंग का ठेका दिया गया है. वह कंपनी पहले से ही लखनऊ मेट्रो के अन्य मेट्रो स्टेशन पर पार्किंग का काम कर रही है. बातचीत में पुष्पा बेलानी ने स्वीकारा की पार्किंग का काम देने के लिए कोई टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई है.