लखनऊ : पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में हुए पशुधन भर्ती घोटाले में तत्कालीन विभागीय मंत्री राजकिशोर सिंह तत्कालीन प्रमुख सचिव योगेश कुमार सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर की अनुमति मांगी गई है. वर्ष 2013-14 में पशुधन विभाग में पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में तत्कालीन मंत्री राजकिशोर और विभागीय प्रमुख सचिव योगेश कुमार के खिलाफ अनियमितता करने के पुख्ता सबूत राज्य विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को मिले हैं. एसआईटी की तरफ से शासन से इन सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की अनुमति मांगी गई है. इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 22 अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है और कार्यवाही की गई है.
वर्ष 2013-14 में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती में कई तरह की अनियमितताएं पकड़ में आई थीं. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर वर्ष 2017 के दिसंबर में इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था. इस मामले में वर्ष 2018 में एसआईटी ने जांच रिपोर्ट दी थी. एसआईटी ने अंतिम विवेचना रिपोर्ट में कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में मनमानी तरीके से अधिकारियों का चयन किया गया है. रिपोर्ट में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय व अपराधी कार्यवाही की संस्तुति की गई थी. साथ ही दस्तावेजी सबूतों को राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजकर जांच कराई गई थी. प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव योगेश कुमार, रायबरेली के फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के तत्कालीन डायरेक्टर रामप्रताप शर्मा व तत्कालीन प्रशासक मोहम्मद इशरत हुसैन और तत्कालीन विभागीय मंत्री राज किशोर सिंह के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है. गृह विभाग की स्वीकृति मिलते ही एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जाएगी.