लखनऊ: लिवर फेलियर (liver failure) वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अब उनका ट्रांसप्लांट एसजीपीजीआई (sgpgi) में ही हो सकेगा. इसके लिए संस्थान के डॉक्टरों ने दिल्ली में रहकर ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इतना ही नहीं ऐसे मरीजों की स्क्रीनिंग भी शुरू हो गई है. एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमान के मुताबिक कोरोना संक्रमण कम हो गया है. ऐसे में संस्थान के इस अहम प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है.
एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया कि दो माह में लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करना अहम योजना है. लिवर ट्रांसप्लांट (liver transplant) के लिए दिल्ली के आईएलबीएस इंस्टिट्यूट में डॉक्टरों की ट्रेनिंग पूरी हो गई है. इसमें चार सर्जन, हेपेटोलॉजिस्ट, 1 रेडियोलोजिस्ट, 3 एनेस्थेटिस्ट, एक पैथोलॉजिस्ट ट्रेनिंग पूरी करके वापस आ चुके हैं. इन्होंने ट्रांसप्लांट के लिए ओपीडी में आ रहे लिवर फेल्योर के मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है. एसजीपीजीआई में मरीजों का सस्ती दर पर लिवर ट्रांसप्लांट (liver transplant) किया जाएगा.
लिवर ट्रांसप्लांट
लिवर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमे लिवर फेलियर को सर्जरी के माध्यम से हटा दिया जाता है. यदि लिवर बहुत प्रभावित हो चुका है तो डॉक्टर लिवर प्रत्यारोपण करने की सलाह देते है. लिवर प्रत्यारोपण का कार्य करने के लिए जीवित या मृत डोनर का लिवर लिया जा सकता है. जिन मरीजों का लिवर फेल हो जाता है. उनके लिए लिवर प्रत्यारोपण एक मात्र उपाय होता है. जिन रोगियों को प्रत्यारोपण की जरूरत होती है, वे आमतौर पर तीव्र या जीर्ण से पीड़ित होते हैं. आमतौर पर लिवर प्रत्यारोपण में गंभीर जटिलताएं होती है. जैसे अंत चरण में लिवर रोग, से पीड़ित व्यक्ति को वैकल्पिक उपचार के रूप में आरक्षित किया जाता है.