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लखनऊ में बनेगा प्रदेश का पहला साक्षरता म्यूजियम, जानिए यह होगी खासियत - इंडिया लिटरेसी बोर्ड

लखनऊ स्थित इंडिया लिटरेसी बोर्ड के साक्षरता निकेतन परिसर में प्रदेश का पहला साक्षरता म्यूजियम बनाया जाएगा. साक्षरता म्यूजियम का शिलान्यास बुधवार को पूर्व आईएएस संजय भूसरेड्डी ने किया.

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Published : Jul 12, 2023, 8:11 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शैक्षिक क्षितिज में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है. इस कड़ी में इंडिया लिटरेसी बोर्ड के साक्षरता निकेतन परिसर में निर्मित हो रहा नया 'साक्षरता संग्रहालय शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में एक अभिनव स्तम्भ होगा. बुधवार को साक्षरता म्यूजियम का शिलान्यास पूर्व आईएएस संजय भूसरेड्डी द्वारा किया गया. इस म्यूजियम में प्राचीन काल की साक्षरता पद्धति से लेकर नवीन काल की साक्षरता पद्धति के बारे में पिक्चर गैलरी बनाई जाएगी.

साक्षरता म्यूजियम का शिलान्यास करते पूर्व आईएएस संजय भूसरेड्डी व अन्य.
लखनऊ में बनेगा प्रदेश का पहला साक्षरता म्यूजियम.




संजय आर. भूसरेड्डी, आईएएस (सेनि), अध्यक्ष, इंडिया लिटरेसी बोर्ड ने बताया कि यह योजना संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा स्वीकृत की गई है. जिसके निर्माणोपरान्त लखनऊ को एक नया पर्यटन उत्पादन प्राप्त हो जाएगा. जो सामान्य जनमानस एवं शिक्षा-साक्षरता से जुड़े लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का एक प्रमुख केन्द्र होगा. संग्रहालय अपने प्रकार का भारत में प्रथम एवं अभिनव संग्रहालय होगा. इसमें साक्षरता की प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक की अविरल यात्रा को दर्शाया जाएगा. संग्रहालय भारत में इण्डिया लिटरेसी बोर्ड एवं साक्षरता निकेतन की स्थापना वर्ष 1953 में करने वाली महान विभूति अक्षरदात्री मां वेल्दी फिशर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. जिनके द्वारा साक्षरता निकेतन परिसर को उस समय के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद लॉरी बेकर के माध्यम से एक आदर्श साक्षरता ग्राम के रूप में बसाया गया था. लॉरी बेकर के इसी डिजाइन से प्रेरणा लेकर साक्षरता संग्राहालय का डिजाइन तैयार किया गया है.

साक्षरता म्यूजियम के शिलान्यास अवसर पर पूर्व आईएएस संजय भूसरेड्डी व अन्य.


भूसरेड्डी ने बताया कि संग्राहालय में सभी गैलरी को बहुत शोध के बाद डिजाइन किया गया है. इसमें संग्राहालय के पारंपरिक तकनीक के साथ ही साथ अत्याधुनिक तकनीकों, आडियो-विजुअल एवं मल्टी-मीडिया तकनीकों का भी प्रयोग किया गया है जो इसे कौतूहलपूर्ण एवं आकर्षक बनाते हैं. इसका बिल्ट-अप एरिया 1689 वर्गमीटर है तथा कुल लागत लगभग ₹10.00 करोड़ है. जिसमें भारत सरकार द्वारा पांच करोड़ एवं इंडिया लिटरेसी बोर्ड द्वारा पांच करोड़ की सहभागिता की जा रही है.

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