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Encounter In UP : योगी राज में मुस्लिम से अधिक हिंदू अपराधियों का हुआ एनकाउंटर, देखें आंकड़े

यूपी पुलिस ने वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में किए गए एनकाउंटर की लिस्ट जारी की है. इससे लिस्ट के मुताबिक, अब तक कुल 183 अपराधी मुठभेड़ में ढेर हुए हैं, जिसमें 57 अपराधी मुस्लिम धर्म से थे. आइए जानते हैं पूरे आंकड़..

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सीएम योगी आदित्यानाथ

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Published : Apr 15, 2023, 3:33 PM IST

लखनऊःयूपीएसटीएफ ने गुरुवार को अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम का एनकाउंटर कर दिया. समाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व अखिलेश यादव ने इसे धर्म से जोड़ते हुए योगी सरकार को भाईचारा के खिलाफ बता दिया. अब योगी सरकार ने बीते छह वर्षों में एनकाउंटर में ढेर हुए अपराधियों की लिस्ट जारी की है.

इस लिस्ट के मुताबिक वर्ष 2017 से अब तक कुल 183 अपराधी मुठभेड़ में ढेर हुए हैं, जिसमें 57 अपराधी मुस्लिम धर्म से थे. ऐसे में अब सत्ताधारी दल बीजेपी ने अखिलेश की मंशा पर ही सवाल उठाएं हैं. उन पर आरोप लगाए हैं कि वो जानबूझकर अपराधियों की जाति और धर्म ढूंढते हैं, जिससे चुनाव में इसका फायदा उठा सके.

यूपी पुलिस ने राज्य में योगी सरकार बनने के बाद से अब तक हुए एनकाउंटर और एनकाउंटर में ढेर हुए अपराधियों की लिस्ट शनिवार को जारी की. इस लिस्ट में अपराधी का नाम, उसके अपराध और एनकाउंटर होने की तारीख अंकित की गई है. गुरुवार को हुए अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर के बाद अखिलेश यादव ने इसे भाईचारा के खिलाफ एक्शन कहते हुए एनकाउंटर को फर्जी बता दिया था.

यूपी पुलिस द्वारा जारी लिस्ट में सामने आया है कि वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में कुल 183 अपराधी एनकाउंटर में ढेर हुए हैं, जिसमें असद और गुलाम भी शामिल हैं. इसमें 57 ऐसे अपराधी हैं, जो मुस्लिम धर्म से थे. अन्य 126 अपराधी हिंदू धर्म के थे. हालांकि कानून आईपीसी और सीआरपीसी से चलता है और ये धर्म देखकर कार्रवाई नहीं करते.

ये हैं आंकड़े
पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2017 में 28 अपराधी एनकाउंटर में ढेर हुए, जिसमें 14 मुसलमान, 2018 में 41 अपराधी ढेर हुए इसमें 14 मुसलमान, 2019 में 34 जिसमें 11 मुसलमान, 2020 में 26 अपराधी ढेर हुए उसमें 5 मुसलमान, 2021 में हुए एनकाउंटर में 26 अपराधी मारे गए इसमें 7 मुसलमान, 2022 में 14 ढेर हुए इसमें 1 मुस्लिम और वर्ष 2023 में अब तक 14 अपराधी ढेर किए गए हैं. इसमें असद और गुलाम को मिलाकर 5 मुसलमान शामिल हैं.

अपराधियों का धर्म देखना अखिलेश की विफलता
वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि अब तक योगी सरकार में हुए एनकाउंटर की लिस्ट देख कर ये साफ है कि अखिलेश यादव द्वारा यूपी पुलिस और सरकार की एनकाउंटर पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए उसे धर्म से जोड़ना बेईमानी है. उन्होंने कहा कि बीते साढ़े छह सालों में अपराधियों की कमर तोड़ने में योगी सरकार फिलहाल पास हुई है, जिसके तहत कुख्यात अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया गया है.

इसमें कई ऐसे कुख्यात अपराधी थे, जो किसी एक विशेष धर्म से थे. ऐसे में महज उनका धर्म देखकर पुलिस खुद पर गोली खाकर भी उन पर जवाबी फायरिंग न करें ऐसे कैसे हो सकता है. राघवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव महज मुसलमानों का वोट लेने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं.

कार्रवाई CRPC व IPC के तहत होती है धर्म देख कर नहीं
वहीं, पुलिस के आंकड़े सामने आते ही बीजेपी भी अखिलेश यादव पर अक्रामक हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने कहा कि 183 में महज 57 अपराधी एक धर्म से हैं, लेकिन दूसरी ओर 126 अपराधी हिंदू से हैं तो उनके लिए अखिलेश कुछ नहीं कहेंगे. उन्होंने कहा कि अपराधियों पर कार्रवाई आईपीसी और सीआरपीसी के तहत होती है धर्म देखकर नहीं. अखिलेश यादव को जो उनके पिता ने थाली में परोसकर सत्ता और राजनीतिक विरासत दी थी, उसे वो संभाल नहीं पा रहे तो वो अब अपराधियों का धर्म ढूंढ रहे हैं.

दरअसल, अखिलेश यादव ने असद के एनकाउंटर के बाद ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है. भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं. आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए. सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है. भाजपा भाईचारे के खिलाफ है.

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